नई दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कार्यक्रम की अध्यक्षता में नई दिल्ली में शुक्रवार से 3 दिवसीय डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन की शुरूआत हो चुकी है।
यह सम्मेलन 22 जनवरी तक चलेगा। इस डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस को भारत में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर काफी अहम है। पीएम नरेंद्र मोदी भी तीन दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
इस कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों सहित इंटेलिजेंस एजेंसियों और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस तीन दिवसीय सम्मलेन में आतंकवाद, काउंटर टेररिज्म फाइनेंसिंग, आतंकी गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल, इंटेलिजेंस और इन्वेस्टीगेशन एजेंसियों के बीच कोऑपरेशनऔर कोआर्डिनेशन बढ़ाना जैसे विषयों पर मंथन किया जा रहा है।
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वहीं, जी-20 सम्मेलन से जुड़ी कई बैठकें विभिन्न राज्यों में प्रस्तावित हैं, इसके मद्देनजर वहां सुरक्षा इंतजाम को लेकर भी इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक कॉन्फ्रेंस में एम्स जैसे प्रमुख संस्थानों पर बड़े साइबर हमले को रोकने के लिए भी रणनीति बनाई जाएगी। इसके अलावा बड़े ड्रग सौदों को होने से रोकने और तस्करों को पकड़ने के लिए योजनाएं बनाने पर चर्चा की जाएगी।
कॉन्फ्रेंस में तटीय सुरक्षा और सीमा सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा साथ ही आतंकी गिरोहों पर नकेल कसने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। दरअसल 8 साल बाद यह सम्मेलन एक बार फिर दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।
बता दें, साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री का पद संभाला तो उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस को दिल्ली से बाहर आयोजित कराने का निर्णय लिया था। उसी वर्ष डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस पहली बार असम की राजधानी दिसपुर में आयोजित की गई थी।
उसके बाद साल 2015 में यह कॉन्फ्रेंस गुजरात के कच्छ, 2016 में हैदराबाद, 2017 में उत्तराखंड के टनकपुर में आयोजित की गई।
वहीं, साल 2018 में यह कॉन्फ्रेंस, दोबारा से गुजरात के केवाडिया में हुई। इसके बाद 2019 में महाराष्ट्र के पुणे और 2020 में कोविड-19 के चलते वर्चुअली कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।
वहीं, वर्ष 2021 में डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित की गई थी।