DGP ने सिख विरोधी दंगे के दौरान झारखंड में दर्ज मामलों की समीक्षा की

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रांची : राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में 1984 सिख विरोधी दंगा को लेकर झारखंड के विभिन्न जिलों में दर्ज मामले की समीक्षा की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डीजीपी ने समीक्षा की। इसमें रांची, जमशेदपुर, धनबाद एसएसपी, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, सरायकेला-खरसावां, गढ़वा, पलामू, गिरीडीह, कोडरमा और धनबाद रेल एसपी सहित अन्य ने भाग लिया। झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय गंभीर है। समीक्षा के दौरान सिख दंगों से जुड़े करीब 350 दर्ज प्राथमिकी की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली गई। डीजीपी ने मामले में चल रहे अनुसंधान और ट्रायल की भी जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1984 के सिख दंगा में झारखंड में प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलाने और सिख दंगा से संबंधित क्रिमिनल केस की मॉनिटरिंग करने को लेकर दायर सतनाम सिंह गंभीर की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। 1984 के सिख दंगा के मामले में मुआवजा और लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित मामले को लेकर बीते मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी।

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई थी कि इस संबंध में गठित आयोग की रिपोर्ट के बाद भी दंगा प्रभावित लोगों को मुआवजा प्रदान नहीं किया गया है। साथ ही उस समय दर्ज आपराधिक मामलों की स्थिति की जानकारी सरकार की ओर से नहीं दी जा रही है। इस पर अदालत ने राज्य के गृह सचिव और डीजीपी को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। मामले की अगली सुनवाई 19 दिसम्बर को होनी है। कोर्ट ने गृह सचिव और डीजीपी को अगली सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हाजिर होने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने रांची सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार से पत्राचार किया है। उन्होंने पूछा है कि सिख दंगे के बाद रांची में दर्ज प्राथमिकी की स्टेटस रिपोर्ट क्या है।