रांची : इन दिनों रेलवे की दुर्गति चल रही है। आएदिन दिन ट्रेन हादसा देखने को मिल रहा है। ऐसा मानो जैसे इन दिनों रेलवे पर शनि ग्रह मंडरा रहा है। पहले भी घटनाएँ हुई है लेकिन जब से ओडिशा में ट्रैन हादसा हुआ है। तब से लगातार कहीं न कही रेलवे हादसा हो ही रहा है। ओडिशा में में हुए भीषण ट्रेन हादसे में कम से कम 300 यात्रियों की मौत हो गई और 900 से अधिक घायल हुए. आंकड़े बताते हैं कि यह हादसा आजादी के बाद हुई सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक है. इस हादसे में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी. ओडिशा में यह ‘सबसे बड़ा हादसा’, दिल दहला देने वाली थी। वही बीते दिनों झारखंड के बोकारो जिले में नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गयी। वही बंगाल में 2 मालगाड़ियों के आपस में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होने से झारखंड में आधा दर्जन ट्रेनों के परिचालन पर असर हुआ है। वही झारखंड के रामगढ़-हारूबेड़ा होते हुए मुरी की तरफ जा रही कोयला लदी मालगाड़ी की एक बोगी में अचानक आग लग गयी जिसके बाद उसे मुरी स्टेशन पर रोका गया। वही आज राजधानी रांची के टांगर बसली रेलवे स्टेशन पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की इंजन का जो लाइन करेंट वायर होता है वह पार्ट इंजन से अलग होकर गिर गया है, जिसकी वजह से राजधानी एक्सप्रेस रांची लोहरदगा लाइन में टांगरबसली स्टेशन के समीप बहुत देर से खड़ी है जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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