पूर्व मेदनीपुर : हर साल की तरह इस साल भी घाटाल जलमग्न हो गया है। मानसून आते ही घाटाल के लोगों की परेशानियां बढ़ जाती है। आम लोगों को पीने के पानी के अलावा बिजली, चिकित्सा, शिक्षा और किसानों के फसलों के नष्ट होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। शिकायत करने पर उन्होंने आश्वासन के अलावा कुछ भी हाथ नहीं आता। गौरतलब है कि इस बार मानसून के दस्तक देते ही घाटाल सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट सुमन विश्वास ने कहा था कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। प्रशासन अपने स्तर से तैयार है। पर्याप्त नावें भी स्टॉक में रखी गई हैं। वहीं घाटाल के लोग शासक दल के अलावा प्रशासन से काफी नाराज है।
वहीं घाटाल की असलियत इस वक्त कुछ और ही है। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि बाढ़ के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है। बाढ़ के पानी के कारण सांप, बिच्छू और कीड़ों के अलावा, बिजली के झटके और डूबने के लोगों की मौत हो जा रही है। नदियों के जलस्तर बढ़ने से घाटाल शहर के 12 वार्ड विशेष रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। घर, स्कूल, कस्बे और अस्पताल सभी जलमग्न हो गए। लोग पानी में फंसे हुए हैं। नदियों व नहरों का जीर्णोद्धार न होने से उनमें गाद जमा हो रही है। परिणामस्वरूप नदी की जल धारण क्षमता भी कम होती जा रही है। शहर भारी बारिश में डूब रहा है। बिना जलाशय के नदी पानी से लबालब भर जाती है जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। इतना ही नहीं, घाटाल शहर के पूर्व हिस्से के निवासी भी पानी बढ़ने पर बांध टूटने के डर से दिन गुजार रहे हैं।
गौरतलब है कि घाटाल शहर के अलावा घाटाल ब्लॉक के 8-10 ग्राम पंचायतों के कई गांव भी जलमग्न हो गए। लाखों लोग पीड़ित हैं। पीने के पानी की किल्लत है। नगर निगम का पंप हाउस भी बंद है। बिजली के आधे खंभे डूब जाने से बाढ़ग्रस्त इलाकों में बिजली नहीं है। संचार व्यवस्थाएं बाधित हैं। पर्याप्त नावें नहीं हैं। फसलें नष्ट हो रही हैं। मवेशियों को समय पर खाना नहीं मिल पा रहा है। वे पूरे दिन पानी में खड़े रह रहे हैं। घाटाल निवासी रिक्ता संकी ने कहा कि हम पानी की कमी से मुक्ति चाहते हैं। तत्काल आधार पर बाढ़ नियंत्रण उपाय होने चाहिए।