कोलकाता/बिहार : सिलीगुड़ी से 140 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में बुधवार तड़के सुबह 5.35 बजे 4.3 तीव्रता से भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी है।
एनसीएस ने कहा कि भूकंप बुधवार की सुबह 5:35 बजे आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में आया।
यहां बता दें कि इससे पहले 9 अप्रैल को निकोबार द्वीप में रविवार को 10 किमी की गहराई में रिक्टर पैमाने पर 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप शाम करीब 4:01 बजे आया।
इसके साथ ही बिहार के अररिया जिले में बुधवार तड़के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप के झटके सुबह करीब 5 बजकर 35 मिनट पर महसूस किए गए हैं।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी। भूकंप के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। इस दौरान लोगों में दहशत का माहौल रहा।
कई इलाकों में तो लोग घरों को छोड़कर बाहर निकल आए। खासतौर पर कई मंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों में दहशत ज्यादा रही। इससे पहले पश्चिमी नेपाल में मंगलवार सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
भूकंप की रिक्टर पैमाने पर श्रेणी
रिक्टर पैमाने पर 20 से कम तीव्रता वाले भूकंपों को सूक्ष्म श्रेणी में रखा जाता है और महसूस नहीं किया जाता है। दुनिया भर में प्रतिदिन रिक्टर पैमाने पर सूक्ष्म श्रेणी के 8.000 भूकंप दर्ज किए जाते हैं।
इसी तरह 2.0 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है 1000 ऐसे भूकंप हर दिन आते हैं और हमें सामान्य तौर पर महसूस भी नहीं होते।
4.0 से 4.9 के भूकंप से हो सकते हैं नुकसान
बहुत हल्की श्रेणी के भूकंप 30 से 39 तीव्रता के होते हैं, जो एक वर्ष में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। उन्हें महसूस किया जाता है लेकिन कोई नुकसान नहीं होता है। दुनिया भर में साल में लगभग 6,200 बार रिक्टर पैमाने पर 4.0 से 49 की तीव्रता वाले हल्की श्रेणी के भूकंप दर्ज किए जाते हैं। हालांकि, वे क्षति का कारण बनते हैं।