आग लगाना आसान लेकिन बुझाना काफी मश्किल : ममता
कालीघाट में पूजा के बाद मुख्यमंत्री सद्भावना रैली में हुईं शामिल
कोलकाता, सूत्रकार : अयोध्या के राम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। सीएम ने परोक्ष रूप से बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि आग लगाना आसान है लेकिन बुझाना काफी मश्किल है। सीएम ने कहा कि कुछ लोग चुनाव के नाम पर धर्म को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस बार बंगाल को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सभी धर्म भाई-भाई हैं। मैं देश का बंटवारा नहीं होने दूंगी। हम शांति चाहते हैं।
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ने सोमवार अपराह्न कोलकाता में सद्भावना रैली निकाली। सीएम ने सभी धर्मों के लोगों से उनकी रैली में शामिल होने के लिए पहले ही आह्वान किया था।
दक्षिण कोलकाता के हाजरा से रैली शुरू होकर पार्क सर्कस मैदान तक गई जहां एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसकी पूजा करता है। देश में बेरोजगारी से समस्या है। देश का पैसा कहां गया? मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग कभी सीता की बात नहीं करते। सीता के बिना राम अधूरे हैं। आप केवल भगवान राम की बात करते हैं, सीता की नहीं, क्या आप महिला विरोधी हैं?
सीएम ने कहा कि सुबह से जो हो रहा है, ऐसा लगता है कि प्रचार शुरू हो गया है कि आजादी की लड़ाई चल रही है लेकिन अगले दिन का क्या? वे भोजन के लिए भुगतान नहीं करते हैं। सड़क का पैसा नहीं देते।
वह बंगाल से कर का पैसा लेकर चले गये और आज देखिए हर जगह एलईडी स्क्रीन लगाकर उन्होंने क्या किया है। मैं कह रही हूं कि गरीबों की बलि देकर धर्म मत करो। जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई तो मैं अकेले सबसे आगे चल रही थी। मैं राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के पास गयी थी। और कहा था कि मैं बिना किसी डर के आपके साथ खड़ी रहूंगी। बहुत से लोग यह भूल गये हैं-जय बांग्ला, जय संप्रति।
सीएम ने कहा कि नेताजी ने आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया। मैंने उनसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने को कहा लेकिन नहीं किया और आज वे छुट्टी दे रहे हैं।
इंडिया गठबंधन में नहीं मिल रहा सम्मान
सीएम ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से खदेड़ने के लिए एक गठबंधन को बनाया गया। उस गंठबंधन का नाम मैंने दिया और उसी गठबंधन में मुझे सम्मान नहीं मिल रहा है। मैं यह स्वीकार नहीं कर सकती।
अयोध्या में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने काली घाट में मां काली की पूजा की। उसके बाद एक सद्भावना रैली निकाली। यह रैली दोपहर में दक्षिण कोलकाता के हाजरा क्रॉसिंग से शुरू हुई और पार्क सर्कस तक गयी। इसमें सभी धर्म के लोग शामिल थे। इस मौके पर सीएम के साथ उनके भतीजे और डायमंड हार्बर के लोकसभा सीट के सांसद अभिषेक बनर्जी भी थे। वे भी ममता के कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे।
अपनी ट्रेडमार्क सफेद, नीली बॉर्डर वाली सूती साड़ी और गले में शॉल लपेटे ममता सड़क के दोनों ओर हाथ जोड़कर लोगों और दर्शकों का अभिवादन करते चल रही थीं। हाजरा मोड़ से पार्क सर्कस मैदान तक के रास्ते पर पड़ने वाले मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों सहित विभिन्न धार्मिक स्थानों पर वे गयीं। इसके साथ ही ममता ने तीन दिन पहले ही अपने पार्टी के सभी समर्थकों को निर्देश दिया था कि वे लोग अपने-अपने इलाके में रैली निकाले।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं सीएम
ममता अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से कार्यक्रम में किसी ने शिरकत नहीं की। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को पॉलिटिकल इवेंट कहा है। उनका मानना है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के लिए राम मंदिर को एक स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। इसीलिए पार्टी ने इस इवेंट से दूरी बनाई है।