ED ने IAS छवि रंजन को रिमांड पर लेने की वजह बताई

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रांची : रांची में तीन प्लॉट की खरीद-बिक्री में अनियमितता की जांच के दौरान पूर्व डीसी छवि रंजन समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस जमीन घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम कर रही है। ईडी के अधिकारी लगातार मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। ईडी ने आईएएस छवि रंजन को 12 मई तक रिमांड पर लिया है। ईडी ने छवि रंजन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट को जो कारण बताए,उन्हें जानना जरूरी है। बरियातू रोड पर सेना का फायरिंग रेंज था। ईडी ने यहां 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में छवि रंजन की भूमिका के बारे में अदालत को जानकारी दी है। ईडी का आरोप है कि छवि रंजन ने अफसर अली, प्रदीप बागची और अन्य के साथ मिलकर इस प्लॉट की खरीद-फरोख्त में मदद की। उन्होंने पद का गलत इस्तेमाल किया है।

 

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पिस्का मोड़ से कथल मोड़ तक फोर लेन रोड के बगल में 7 एकड़ 16 डिसमिल का प्लॉट है। ईडी ने अदालत को बताया है कि इस जमीन की बाउंड्री कराने के लिए छवि रंजन ने उपायुक्त रहते पुलिस की तैनाती का आदेश दिया। साथ ही इस जमीन की 83 साल की रसीद एक साथ काटने का आदेश जारी किया। यह संदेहास्पद है। चार अलग-अलग डीड के जरिए जमीन की खरीद-फरोख्त 8 जून 2021 को हुई। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद-फरोख्त में बड़ी साजिश रची गई है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इस जमीन की खरीद-बिक्री कोलकाता के दस्तावेजों के आधार पर हुई है। इसमें प्रेम प्रकाश, पुनीत भार्गव और बिजनेसमैन विष्णु अग्रवाल की अहम भूमिका है। छवि रंजन ने इस प्लॉट के म्यूटेशन के लिए विष्णु अग्रवाल से सुविधाएं लीं। खाता नंबर – 37 की भूमि की खरीद-बिक्री एक अप्रैल 2021 को हुई थी और म्यूटेशन 12 मई 2021 को हुआ।