रांची : एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के अवैध माइनिंग मामले में ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए साहेबगंज जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव ईडी के हीनू स्थित रिजनल ऑफिस पहुंचे। यहां उपायुक्त रामनिवास यादव से पूछताछ की जा रही है। ईडी ने इस अवैध खनन मामले में राजनेताओं के साथ-साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता भी पायी थी। जिसके बाद से उन सभी से पूछताछ कर रही है।
अवैध खनन मामले में जांच और पूछताछ कर रही ईडी की टीम ने पाया है कि 2020 के अप्रैल महीने से मार्च 2022 तक एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का अवैध खनन हुआ है। ये सभी खनन जेएमएम नेता पंकज मिश्रा के संरक्षण में हुआ है। उसके इस अवैध खनन को उपायुक्त रामनिवास यादव सहित कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने सहयोग दिया था। जिस अवधि में हुए अवैध खनन की जांच ईडी कर रही है, उस पूरे टर्म में रामनिवास यादव साहेबगंज जिले के डीसी रहे हैं।
अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन से भी पूछताछ हो चुकी है। उनसे ईडी ने 17 नवंबर को पूछताछ की है। इस दौरान ईडी के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि साहेबगंज में हो रहे अवैध खनन की मुझे जानकारी नहीं थी। अगर वहां ऐसा हो रहा था तो जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन क्या कर रही थी। सीएम के इस जवाब के बाद से उपायुक्त रामनिवास यादव ईडी की नजर में आ गए थे। जिसके बाद ईडी ने उन्हें नोटिस भेज कर ईडी कार्यालय में हाजिर होने को कहा है।
मनी लान्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी ने फरवरी के पहले सप्ताह में कांग्रेस से निलंबित तीनों विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को हाजिर होने को कहा है। इन्हें ईडी ने दूसरी बार नोटिस भेजा है। इरफान अंसारी को 6 फरवरी, राजेश कच्छप को 7 फरवरी और नमन विक्सल कोंगाड़ी को 8 फरवरी को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। इससे पूर्व पूर्व तीनों विधायकों को 13, 16 और 17 जनवरी को पूछताछ के लिए समन भेजा था, उनमें से कोई भी हाजिर नहीं हुआ। तीनों अपने-अपने वकीलओं के माध्यम से ईडी के यहां अर्जी लगाकर वक्त की मांग की थी।