रांचीः कांग्रेस से निलंबित विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ईडी के सवालों का सामना करने के लिए एजेंसी दफ्तर पहुंचे। कोलकाता में हुए कैश कांड मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने उन्हें बुधवार को तलब किया था। नमन विक्सल कोंगाड़ी कोलेबिरा विधानसभा से विधायक हैं।
विधायक पर आरोप है कि हेमंत सरकार के खिलाफ रची गई साजिश में शामिल थे। इस मामले में मंगलवार को कांग्रेस से निलंबित विधायक राजेश कच्छप से पूछताछ हुई थी।
विधायक नमन निर्धारित समय 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंच गए थे। ईडी दफ्तर के बाहर पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ईडी के सवालों का जवाब देकर बाहर निकलेंगे, तब मीडिया से बात करेंगे। ईडी की जांच में हर संभव मदद करना है।
थोड़ी ही देर बाद नमन ईडी दफ्तर के अंदर चले गए। प्रारंभिक पूछताछ में ही नमन ने सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के साजिश में शामिल होने से इंकार किया। ईडी के अधिकारियों ने असम आने और जाने से संबंधित सवाल पूछे हैं।
अनुमान लगाया जा रहा है कि अन्य दो विधायकों की तरह नमन से भी देर शाम तक ईडी पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि 30 जुलाई 2022 को कांग्रेस के तीनों विधायक इरफान अंसारी ,राजेश कच्छप और विक्सल कोंगाडी एक साथ 48 लाख नकदी के साथ कोलकाता में पकड़े गए थे। उस समय रांची के अरगोड़ा थाने में कांग्रेस के ही बेरमो विधायक अनूप सिंह ने जीरो एफआईआर दर्ज कराया था।
इसी आधार पर तीनों विधायकों को बंगाल पुलिस ने जेल भेज दिया था। बाद में तीनों विधायको को जमानत मिली, तब वे जेल से बाहर निकले। अनूप सिंह ने आरोप लगाया था कि तीनों विधायकों ने 10 करोड़ रुपये देने का प्रलोभन दिया था। इसके साथ ही कांग्रेस का साथ छोड़ने पर स्वास्थ्य मंत्री पद देने की बात कही गई थी।
सरकार गिराने की साजिश से जुड़े केस में अरगोड़ा थाने में कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने एफआईआर दर्ज करायी थी। इसी केस के आधार पर तीनों विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज किया गया था। जिसके बाद आरोपियों को हावड़ा पुलिस ने जेल भेज दिया था।
पहले इस मामलेकी जांच कोलकाता सीआईडी कर रही थी। लेकिन मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईसीआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने इस मामले में शिकायतकर्ता अनूप सिंह का बयान 24 दिसंबर को दर्ज किया था। ईडी ने अनूप सिंह से पूछताछ के बाद तीनों विधायकों को समन भेजकर ईडी के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस दिया था।
लेकिन ईडी ने पहली समन के बाद तीनों विधायक उपस्थित नहीं हुए थे। तीनों विधायकों ने दो हफ्तों के वक्त की मांग एजेंसी से की थी।
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