रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के आवास पर ईडी की छापेमारी

राज्य के एक आई ए एस अधिकारी ईडी के राडार पर आ गए हैं, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के रांची आवास पर रेड जारी है

209

रांची : राज्य के एक आई ए एस अधिकारी ईडी के राडार पर आ गए हैं, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के रांची आवास पर रेड जारी है, जानकारों के अनुसार छवि रंजन के कई रिश्तेदारों और अंचला अधिकारीयों के आवास सहित कुल 22 ठिकानों पर ईडी का छपा पड़ा है, ईडी ने रांची में जमीन घोटाले से सम्बंधित मामले में छपामारी की है, जानकारी के अनुसार रांची के जमीन की रजिस्ट्री मामले में जिला प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे है, इसी मामले को लेकर ईडी जमीन खरीदने, बेचने, रजिस्ट्री करने, दाखिल खरीज करने वाले की जाँच कर रही है, ईडी सेना की जमीन के फर्जीवाड़े में मनी लाउंड्री के पहलुओं पर भी जाँच कर रही है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय की टीम गुरुवार अहले सुबह आईएएस छवि रंजन समेत कई अन्य के ठिकानों पर आ पहुंचे। अगर मामले की बात करें तो सूत्रों का कहना है कि रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-फरोख्त मामले में ईडी के अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है। बता दे की यह छापेमारी जमशेदपुर कदमा थाना अंतर्गत मिलकित होटल के बगल में लोंगिया एंक्लेव में रांची के पूर्व उपायुक्त रहे छवि रंजन के फ्लैट पर चल रही है।

 

ये भी पढ़ें : रांची के होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन

 

बता दें कि इससे पहले भी ईडी के अधिकारियों ने बीते साल 5 नवंबर को कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व एक अन्य व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, साथ ही खरीद-बिक्री में शामिल लोगों सहित दो रजिस्ट्रार से जुड़े दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। बता दें कि इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश पहले ही आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हो चुका है। सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री मामले में जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि प्रदीप बागची नाम के शख्स ने फर्जी रैयत बनकर दिलीप कुमार घोष को यह जमीन बेच डाली थी। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद रांची नगर निगम की ओर से बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि प्रदीप फर्जी दस्तावेज दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था। आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाली जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था।