रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के उद्देश्य से विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में बेरमो विधायक अनूप सिंह को समन भेजा है। अनूप सिंह को 24 दिसंबर को रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा है।
बीते 9 नवंबर को ईडी ने विधायकों की खरीद- फरोख्त मामले में मनी लाउंड्रिंग की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। फिलहाल इसमें कांग्रेस के तीन विधायकों डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
इन तीनों विधायकों को कोलकाता पुलिस ने एनएच-16 पर रानीहाटी के पास 45 लाख रुपये के साथ 30 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता सीआइडी को ट्रांसफर कर दी थी।
तीनों विधायकों के खिलाफ झारखंड के कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाने में जीरो एफआइआर दर्ज करायी थी, जिसे रांची पुलिस ने कोलकाता पुलिस को ट्रांसफर कर दिया था। इडी ने इसे ही अपनी प्रथमिकी का आधार बनाया है।
इडी द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि अनूप सिंह ने यह शिकायत की थी कि विधायक डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप उन्हें फोन कर हेमंत सरकार को गिराने में शामिल होने के लिए लालच दे रहे हैं।
तीनों विधायक उन्हें कोलकाता बुला रहे हैं और 10 करोड़ रुपये देने का वायदा कर रहे हैं। डॉ इरफान अंसारी और राजेश कच्छप कोलकाता बुला कर गुवाहाटी ले जाना चाहते हैं। वे हिमंता बिश्वा शर्मा से मिलाना चाहते हैं।
बिश्वा शर्मा उन्हें नयी सरकार में मंत्री बनाने का भी आश्वासन देंगे। इरफान अंसारी ने अनूप को यह भी कहा कि उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाने का आश्वासन दिया जा चुका है। वह दोपहर में कोलकाता पहुंच रहे हैं। यह भी कहा कि संबंधित लोगों के लिए पैसे मिल चुके हैं।
अनूप के गुवाहाटी पहुंचने और असम के मुख्यमंत्री के समक्ष वायदा करने के बाद उनका पैसा भी मिल जायेगा।
दर्ज करायी प्राथमिकी के मुताबिक, अनूप को यह भी बताया गया कि असम के सीएम यह काम दिल्ली में बैठे भाजपा के कुछ बड़े नेताओं की इच्छानुसार कर रहे हैं।
अनूप के अनुसार, तब उन्होंने कहा था कि वह चुनी हुई संवैधानिक सरकार को गिराने के असंवैधानिक काम में शामिल नहीं होना चाहते हैं।
इसलिए वह इस बात की सूचना दे रहे हैं, ताकि टोकन मनी लेकर कोलकाता में बैठे विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। शिकायत में संबंधित विधायकों के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिमियम की धारा 7 (सी) सहित दूसरी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें।
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