शिक्षक भर्ती घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, तृणमूल नेता के घर चलाया सर्च ऑपरेशन

अगले सप्ताह सीबीआई ने फिर किया कुंतल को तलब

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनके महिला मित्र के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष के ठिकाने पर दबिश शुरू कर दी है।

बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।

ईडी ने इस बार सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष के ठिकानों पर दबिश दी है। ईडी इस समय घोष के हुगली और चिनारपार्क के न्यूटाउन स्थित घर में जांच की।

इसी मामले में ईडी पहले ही शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं पार्थ की निशानदेही पर ईडी की टीम ने बड़े पैमाने पर भारतीय करेंसी बरामद किया है।

ईडी के पास ऐसे इनपुट हैं कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में कुंतल घोष की भी अहम भूमिका रही है। इस घोटाले के जरिए कुंतल घोष की ओर से बड़े पैमाने पर अवैध कमाई करने के संबंध में पुख्ता रिपोर्ट मिली है।

इस कार्रवाई के दौरान ईडी पहले से मिले तथ्यों का सत्यापन करने के साथ ही इस घोटाले से जुड़े नए तथ्यों की तलाश करने का प्रयास कर रही है।

गौरतलब है कि तापस के बयानों को सुनने के बाद सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक साल 2014 से 2021 के बीच हुए इस शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े लोगों ने अभ्यर्थियों से सौ करोड़ रुपये से भी अधिक की वसूली की है।

इसके अलावा आरोपियों ने शिक्षकों के स्थानांतरण, पोस्टिंग आदि में भी शिक्षकों से मोटी वसूली की है। यह मामला बंगाल में निजी स्कूल संचालक संघ के अध्यक्ष तापस मंडल ने उठाया था। तापस ने ही कुंतल घोष के खिलाफ भी ईडी में भी शिकायत की थी।

इसके बाद ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की है। तापस का आरोप है कि कुंतल ने करीब साढ़े 19 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की है। यह रकम कुंतल ने नौकरी दिलाने के नाम पर प्रत्येक अभ्यर्थियों से 5-5 करोड़ रुपयों वसूले थे। इसके बाद सीबीआई के अधिकारियों ने कुंतल से कई बार पूछताछ की है।

उन लोगों ने तापस और कुंतल को आमने-सामने भी बैठा कर पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि अभी कई सवाल का जावाब बाकी है, इसलिए उसे फिर इसी सप्ताह में तलब किया गया है।

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उधर दूसरी ओर ईडी की टीम ने हुगली के बालागढ़ में एक अन्य तृणमूल नेता के घर में छापेमारी की। सुबह में तृणमूल नेता और जिला परिषद सदस्य शांतनु बंद्योपाध्याय के घर ईडी की टीम पहुंची।

माणिक भट्टाचार्य के घनिष्ठ मित्र तापस मंडल से पूछताछ के बाद जांच अधिकारियों के हाथ एक के बाद एक नाम सामने आ रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक शांतनु उनमें से एक हैं। वर्तमान में, वह हुगली जिला परिषद के सार्वजनिक स्वास्थ्य और तकनीकी विभाग के स्थायी सदस्य है।

2005 के आस-पास जिराट कॉलेज में पढ़ाई पूरी करने के बाद शांतनु ने जिराट बस स्टैंड पर मोबाइल सिम और कॉस्मेटिक्स की दुकान खोली थी। उसके पिता बिजली विभाग में कर्मचारी थे।

पिता की मृत्यु के बाद शांतनु बिजली विभाग में कार्यरत था। उसी समय से वह धीरे-धीरे राजनीति में शामिल हो गया। पहले जिराट कॉलेज में तृणमूल छात्र परिषद की जिम्मेदारी मिली।

बाद में वे लंबे समय तक ब्लॉक के साथ-साथ जिले में तृणमूल छात्र परिषद के नेता रहा। उसके बाद कुछ समय तक युवा संगठन के जिलाध्यक्ष के प्रभार में भी रहा। फिर उसे राज्य युवा तृणमूल के उपाध्यक्ष का पद मिला। उसे हुगली जिले के अलावा पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम बर्दवान सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में युवा तृणमूल की जिम्मेदारी भी दी गई थी।