शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने यूजीसी पर उठाए सवाल

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच के रिश्ते किसी से छुपे नहीं है। खासकर शिक्षा व्यवस्था को लेकर, केंद्र सरकार जब नई शिक्षा नीति को लेकर आई थी उस वक्त बंगाल सरकार ने इसका खुलकर विरोध किया था। इसके बाद भी कई मुद्दों पर केंद्र और राज्य के बीच रिश्तों की खटास सामने आ चुकी है। अब एक बार फिर बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने केंद्र सरकार पर हमला किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से बाहर कर दिया गया है।

क्या है ट्वीट में…

ब्रात्य ने एक ट्वीट में दावा किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने केंद्रीय, राज्य और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ कुल 5 क्षेत्रवार समितियां बनाई हैं। यह कमेटी यूजीसी के निर्देशानुसार काम करेगी। इसके बाद ब्रात्या ने शिकायत की कि उत्तर-पूर्व और पूर्वी क्षेत्रों की 7 सदस्यीय समिति में बंगाल के 40 विश्वविद्यालयों का एक भी प्रतिनिधि नहीं है। उन्होंने दावा किया कि यह घटना ऐसे समय में हो रही है जब ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज’ के अध्यक्ष राज्य के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के कुलपति हैं।

इसके अलाव उन्होंने यूजीसी को टैग करते हुए लिखा है कि ‘पक्षपाती यूजीसी और उनकी हरकतें संदिग्ध हैं’। हालांकि राज्य सरकार फंड को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहा है। लेकिन इस बार शिकायत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा गठित समिति में बंगाल का प्रतिनिधित्व नहीं है इसको लेकर है और बड़ी बात यह है की इसकी शिकायत खुद राज्य के शिक्षा मंत्री ने की है।