रहमत के साये में पढ़ी गई ईद की नमाज

ईदगाह मे मांगी गई देश व दुनिया के लिए अमन की दुआ, महिलाओं ने भी ईदगाह मे अदा की ईद की नमाज

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चाईबासा : जैंतगढ़ तथा चंपुआ आसपास के क्षेत्रों मे ईद का पर्व सौहार्दपूर्ण, हर्षोललास एंव भाई चारगी के साथ मनाया गया। सुबह से छाए बादल के साए मे खुशगवार मौसम के बीच रहमत के साए मे ईद की नमाज अदा की गई।चंपुआ मे 6 बजे तथा जैंतगढ़ मे 6:15 बजे सुबह ईद की नमाज अदा की गई। जैंतगढ़ के ईदगाह मे महिलाओं केलिए भी नमाज पढ़ने केलिए परदे का इंतजाम किया गया। फजर के नमाज के बाद से ही क्षेत्र मे अल्लाहु अकबर की तकबीरी आवाज गुंजने लगी। सभी लोग नहा धोकर, नए वस्त्र के साथ टोपी, इत्र एंव सूरमा लगा कर बुलन्द आवाज मे तकबीर पढ़ते हुए ईदगाह पहुंचे। जैंतगढ़ मे ईद की दो रकत नमाज अदा करने के बाद इमाम मौलाना जाकिरुल्लाह असरी ने अपने खुतबे मे कहा कि ईद खुशी मनाने केलिए है लेकिन इस्लाम के दायरे मे रहकर खुशी मनाना चाहिए। दुनिया महज एक धोखा है, एक तमाशा है। ईद के दिन और ईद के बाद भी गुनाहों बचना चाहिए। गुनाह करके रमजान मे किए गए नेकियों को बर्बाद ना करें। हमे वर्ष के बाकी महीनों मे भी रमजान मे किए गए अभ्यास के मुताबिक जिन्दगी गुजारना चाहिए। रमजान का असल मकसद दिल मे तकवा हासिल करना है। असल मे आज ईद उसी केलिए है जिसने पूरे एक माह का एहतेमाम किया  और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी। इसके बाद सामूहिक रूप से देश और दुनिया मे शान्ति की दुआ मांगी गई। फिर हर घर मे ईदी सवैयां, लच्छे एंव मीठे एंव लजीज व्यंजन का दौर चला। घर घर मे खूब मेहमान नवाजी हुई।

 

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