रांची: साल 2023 के पहले ही महीने में झारखंड में नक्सलियों को तगड़ा झटका लगा है। एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी के शीर्ष नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते के आठ नक्सली ने बुधवार को रांची रेंज के आईजी कार्यालय में सरेंडर किया है।
इसमें जयराम बोदरा, मारतम अंगरिया, सरिता सरदार तुंगीर पूर्ति, पातर कोड़ा, कुस्नू सिरका उर्फ कार्तिक सिरका और संजू पूर्ति उर्फ रोशनी पूर्ति सहित अन्य नक्सली शामिल हैं।
माओवादी के प्रति पुलिस के द्वारा लगातार संचालित नक्सल विरोधी अभियान, संगठन के अंतरिक शोषण से क्षुब्ध होकर सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया। सरेंडर नक्सली कोल्हान, पोड़ाहाट इलाके की चप्पे चप्पे की जानकारी रखता था।
7 दिनों के अंदर भाकपा माओवादियों को दूसरा बड़ा झटका: नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है। एक सप्ताह के अंदर भाकपा माओवादियों को यह दूसरा झटका लगा है। इससे पहले बीते 28 दिसंबर को भाकपा माओवादियों में रीजनल कमांडर अमन गंझू ने पुलिस को सामने हथियार डाले थे।
नक्सली अमन गंझू पर झारखंड पुलिस ने 15 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। वहीं, एनआईए की तरफ से उस पर चार लाख का इनाम था।
अनल के दस्ते का है नक्सलीः मिली जानकारी के अनुसार सभी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली एक करोड़ के इनामी अनल दस्ते के हैं। जिन आठ नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है, उसमें दो महिला नक्सली भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में कोल्हान इलाके में माओवादियों की एक बड़ी बैठक हुई थी, उस बैठक में आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाए गए थे।
इस आरोप को एक साथ मिलकर खंडन भी किया था। लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। स्थानीय होने के बावजूद संगठन में हो रहे भेदभाव से नाराज होकर सभी आठ नक्सली अनल के दस्ता छोड़कर फरार हो गए और उन्होंने पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, आत्मसमर्पण कर सके।
गौरतलब है कि झारखंड पुलिस का आत्मसमर्पण नीति बेहद लुभावना है। यही वजह है कि पांच दिन पहले ही 15 लाख के इनामी नक्सली अमन गंझू ने आईजी अभियान के सामने हथियार दिया था।