लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू की
संवेदनशील बूथों की पहचान शुरू, जिला प्रशासन से प्रतिदिन रिपोर्ट की मांग
कोलकाता, सूत्रकार : लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा का वक्त आ गया है। इससे पहले राज्य के प्रत्येक जिला प्रशासन को अपने-अपने जिले की कानून-व्यवस्था की स्थिति से चुनाव आयोग को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने राज्य के प्रत्येक लोकसभा केंद्र में संवेदनशील बूथों और संवेदनशील इलाकों की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। किस इलाके में कितनी फोर्स तैनात होगी, यह संवेदनशील इलाके पर निर्भर करता है।
चुनाव तैयारियों को देखने के लिए चुनाव आयोग की एक पूर्ण पीठ चार मार्च को इस राज्य में आ रही है। इससे पहले राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरिज आफताब 24 फरवरी को सभी जिला आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने जा रहे हैं।
आफताब ने पिछले हफ्ते जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी। आयोग ने जिला प्रशासन को जिले की कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में प्रतिदिन आयोग को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। कानून-व्यवस्था बिगड़ने की कोई भी घटना होने पर तुरंत आयोग को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।
मालूम हो कि चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ चार मार्च को कोलकाता पहुंचने के बाद पांच मार्च को सर्वदलीय बैठक करेगी। उसी दिन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक होगी।
छह तारीख को राज्य के मुख्य सचिव और राज्य पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक के बाद चुनाव आयोग की फुल बेंच प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। सियासी गलियारे में कहा जा रहा है कि मार्च के दूसरे हफ्ते के किसी दिन लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो सकता है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग बंगाल पर खास नजर रख रहा है। पुलिस के पास निर्देश पहुंच चुके हैं। इस बार बंगाल में लोकसभा चुनाव का प्रभारी एक विशेष चुनाव अधिकारी है। इस राज्य की मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए उप चुनाव आयुक्त नितेश कुमार ब्यास को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
इस बीच, लोकसभा चुनाव के लिए राज्य के नोडल अधिकारी का नाम तय हो गया है। आमतौर पर राज्य का डीजी नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करता है। लेकिन बंगाल के मामले में चुनाव आयोग ने डीजी के नाम को उस नोडल अधिकारी के नाम के रूप में स्वीकार नहीं किया है। उनकी जगह एडीजी न्यायपालिका आनंद कुमार को नोडल अधिकारी चुना है।