कोलकाताः शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में शांतनु बनर्जी की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। पार्टी से निकाले जाने के बाद शांतनु बनर्जी को नौकरी से भी निलंबित कर दिया गया है।
भर्ती घोटाला मामले में आरोपित शांतनु बिजली विभाग का कर्मचारी था। वह मगरा के दफ्तर में काम करता था। राज्य के बिजली विभाग की ओर से जारी नोटिस में बुधवार को उसके निलंबन की जानकारी दे दी गई।
उसके बाद पता चला है कि उसके खिलाफ न्यायिक जांच शुरू की जाएगी। नियमानुसार सरकारी कर्मचारी को 72 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रहने पर निलंबित कर दिया जाता है। उस नियम के मुताबिक शांतनु को निलंबित कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि पिता के निधन के बाद शांतनु बनर्जी को बिजली विभाग में नौकरी मिली थी। फिर 2018 में शांतनु तारकेश्वर से जिला परिषद प्रत्याशी के तौर पर जीता था। वह अभी भी बिजली विभाग में कार्यरत है। शांतनु की सरकारी नौकरी को लेकर विपक्ष भी कई बार सवाल उठा चुका है।
लेकिन अब उसे उस नौकरी से निलंबित कर दिया गया है। यहां बता दें कि भर्ती भ्रष्टाचार में कुंतल घोष की गिरफ्तारी के बाद शांतनु का नाम सामने आया था। तापस मंडल ने भी उसके नाम का जिक्र किया था।
इसके बाद उससे चरणबद्ध तरीके से पूछताछ की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गुप्तचरों ने गार्डन हाउस, ढाबा समेत शांतनु बनर्जी की कई संपत्तियों पर भी संदेह जताया है।