रांची : झुंड से अलग हुए एक युवा हाथी ने पिछले एक पखवाड़े में 15 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। गुरुवार को वन विभाग की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने यह रिपोर्ट पीसीसीएफ वन्य जीव शशिकर सामंत को सौंपी। समिति ने इस हाथी को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने का सुझाव दिया है। वाइल्डलाइफ ने हाथी को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने का आदेश दिया है। अब हाथी को पकड़ने के लिए टीम सक्रिय हो गई है।
पांच जिलों में हाथियों के हमले से हुई मौत :
हाथी को पकड़ने के बाद फिलहाल उसे जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा। उसे नियंत्रण में रखा जाएगा और उसके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। पी राजेंद्र नायडू, वन संरक्षक (सीएफ), रांची की अध्यक्षता वाली एक समिति ने सिफारिश की है कि हाथी को शांत किया जाए और उसे पकड़ लिया जाए। समिति ने हाल के दिनों में पांच जिलों में हाथियों के हमले से हुई मौतों के मामलों की गहन जांच के बाद पुष्टि की है कि पिछले एक पखवाड़े में एक हाथी ने 16 लोगों की जान ली है और चार अन्य को घायल किया है। हजारीबाग में तीन, चतरा में एक, लातेहार में दो, लोहरदगा में पांच और रांची में चार लोगों की मौत हुई है। समिति ने अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया।
प्रत्येक जिला अपने संबंधित क्षेत्रों में हाथियों की गतिविधि की रिपोर्ट करता है :
आंतरिक ट्रैकिंग प्रणाली के तहत, प्रत्येक जिला अपने संबंधित क्षेत्रों में हाथियों की गतिविधि की रिपोर्ट करता है। जिलों से एकत्र किए गए वीडियो और तस्वीरों को भी एकत्रित किया गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव) शशिकर सामंत ने पीटीआई को बताया कि हाथी को बेहोश करने के आदेश दिए गए हैं। मालूम हो कि पिछले एक पखवाड़े में हाथियों के संघर्ष में पांच जिलों में 16 लोगों की मौत की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने यह भी पुष्टि की है कि इनमें से 16 मौतें हाथी के हमले के कारण हुई हैं। ग्रामीणों में हाथी को लेकर भय का माहौल है। रांची के डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने बताया कि गुरुवार तड़के करीब चार बजे हाथी पुरियो इलाके में था। पिछले दो दिनों में इस हाथी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। लेकिन, ग्रामीणों को सावधान रहने को कहा जा रहा है।
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