कोलकाता, सूत्रकार : बकाया महंगाई भत्ता (डीए) की मांग को लेकर आंदोलनत बंगाल सरकार के कर्मचारियों ने राज्य के साथ सीधे टकराव में जाने को ठान ली है। पिछले 20 दिनों से अधिक के धरना प्रदर्शन और दो दिनों के काम बंद आंदोलन के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को 10 मार्च को पूर्ण हड़ताल के लिए पत्र भेजा है।
संयुक्त मंच के एक प्रतिनिधि के अनुसार 10 मार्च की हड़ताल राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा सोमवार और मंगलवार को की गई 2 दिवसीय पेन-डाउन हड़ताल का विस्तारित वर्जन होगा।
पेन-डाउन हड़ताल के दौरान भी, जो नियमित हड़ताल से पूरी तरह से अलग है, राज्य सरकार ने हमें डाइज नान यानी सेवा भंग के प्रति चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि पेन डाउन हड़ताल का अर्थ है कार्यालय आकर उपस्थिति दर्ज कराने के बाद भी कार्य से नदारद रहना।
लेकिन पूरी तरह से हड़ताल का मतलब कार्यालय में बिल्कुल नहीं जाना होगा। इसलिए, हमें यकीन है कि ऐसी ही कुछ समान अधिसूचना फिर से जारी की जाएगी।
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इसलिए, हमने राज्य सरकार को एक अग्रिम पत्र भेज दिया है कि हम अपनी हड़ताल के आह्वान से तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक कि बकाया डीए की हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती।
बता दें, शुरू में हड़ताल का आह्वान 9 मार्च को किया गया था। हालांकि, उस दिन बंगाल बोर्ड आफ मदरसा एजुकेशन द्वारा आयोजित परीक्षाओं को देखते हुए मंच ने हड़ताल को 10 मार्च तक के लिए टाल दिया। वहीं, डीए बकाए पर सुप्रीम कोर्ट में 15 मार्च को सुनवाई होनी है।
हाल ही में राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त 3 प्रतिशत डीए की घोषणा की है। हालांकि, यह आंदोलनकारी कर्मचारियों को संतुष्ट नहीं कर सका, जिन्होंने दावा किया कि इस अतिरिक्त 3 फीसदी डीए के बाद भी केंद्र सरकार में उनके समकक्षों के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों का अंतर 36 फीसदी बना हुआ है।