78 साल की उम्र में मशहूर सिंगर वाणी जयराम का हुआ निधन

78 साल की उम्र में उन्होंनें संगीत जगत को अलविदा कहा।

145

मुंबई: संगीत जगत से फिर एक दुखद खबर सामने आ रही है। दिग्गज सिंगर वाणी जयराम का निधन हो गया है। 78 साल की उम्र में उन्होंनें संगीत जगत को अलविदा कहा। सिंगर वाणी जयराम ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक गाने गाए।

यह भी पढ़े : इस ‘नागिन’ ने अपने पति से कर डाली अजब-गजब डिमांड

वहीं अगर बात करें उनके गानों की तो उन्होंने साउथ इंडियन सिनेमा में अपनी गायकी जलवा बिखेरा है और उनका करियर 5 दशक से भी ज्यादा लंबा रहा है। उनके निधन से संगीत जगत में शोक का माहौल है। रिपोर्ट्स की मानें तो उनके माथे पर चोट लगी थी और इसी वजह से सिंगर का निधन हुआ । बता दें कि वे अपने घर में मृत पाई गयी थी।

वाणी जयराम का साउथ इंडस्ट्री में बेहद अहम योगदान रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1971 में की थी। 50 सालों में उन्होंने एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर 10, 000 से भी ज्यादा गाने के रिकॉर्ड बनाए। उनका पहला गाना साल 1971 में आया था। वहीं जया बच्चन की फिल्म गुड्डी में अपनी आवाज दी। बता दें इस फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था।

कई पॉपुलर हिंदी गानों में दी थी आवाज

वहीं उनके पॉपुलर हिंदी सॉन्ग्स की बात करें तो उन्होंने बोले रे पपिहरा, हमको मन की शक्ति देना, प्यार कभी कम ना करना सनम, मेरा कर दो अमर सुहाग, ये रूप तेरा फूल सा चेहरा, दिलबर मेरे, दिल में दर्द और हरि बिन कैसे जियूं जैसे गाने शामिल हैं। गुड्डी फिल्म से उन्हें पहचान मिली और इसके बाद सिंगर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक से बढ़कर एक गाने गाए और अपनी पहचान बनाई।

कई सारे अवॉर्ड से की गई थी सम्मानित

वाणी को अपनी शानदार आवाज के लिए भारत सरकार द्वारा 3 नेशनल अवॉर्ड मिले हैं। इसके अलावा उनके नाम तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड भी हैं। सिंगर ने अपने लंबे करियर में दिग्गज सिंगर के जे येसुदार और एस पी बालासुभ्रमण्यम के साथ गाने गाए. उनकी आवाज की दीवानगी किसी सीमा की मोहताज नहीं थी और उनके चाहने वाले हर तरफ थे. सिंगर को हाल ही में भारत सरकार द्वारा संगीत जगत में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी। मगर अफसोस कि अब वे ये सम्मान नहीं ले पाएंगी। लेकिन सिंगर की आवाज लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी और उनकी आवाज सदा हमारे साथ रहेगी।