नामीबिया से भारत लाई गई मादा चीता की मौत

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मध्य प्रदेश : चीता को 1952 में भारत में विलुप्त घोषित किया गया था जिसके बाद पीएम मोदी ने 38.70 करोड़ रुपये की लागत में आठ चीतों को नामीबिया से एक विशेष विमान में चीता पुन: परिचय कार्यक्रम के तहत लाया था। इसके बाद उन्हें मध्यप्रदेश केम छोड़ा गया। वहीं खबर यह भी है कि आठ में से तीन चीतों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को एक मादा चीता की संभोग के दौरान हिंसक होने से उसकी मौत हो गई है।

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बता दें कि दक्षा नाम की यह मादा चीता पिछले तीन महीनों में राष्ट्रीय उद्यान में मरने वाली तीसरी चीता थी। इसकी पुष्टी मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान ने की है। उन्होंने कहा कि “संभोग के दौरान नर चीतों के समूह का मादा चीतों के प्रति हिंसक व्यवहार आम है।” उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में, निगरानी टीम द्वारा हस्तक्षेप की संभावना लगभग न के बराबर है।” जानकारी के अनुसार दक्षा को एनक्लोजर नंबर 1 में छोड़ा गया था, और दो नर चीते, वायु और अग्नि, जिन्हें दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था, को एनक्लोजर नंबर 7 से संभोग के लिए छोड़ा गया था। ऐसे में चीतों का हिंसक होना राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के लिये चिंता का विषय बना हुआ है।