रिलीज से पहले विवादों में घिरी फिल्म 72 हूरें की आज जेएनयू में स्पेशल स्क्रीनिंग हुई है। बता दें कि ये फिल्म 7 जुलाई को रिलीज होगी लेकिन विवेकानंद विचार मंच की तरफ से मंगलवार को स्पेशल स्क्रीनिग कराई गई। इससे पहले द केरला स्टोरी की स्पेशल स्क्रीनिंग हुई थी। हालांकि इस स्क्रीनिंग को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। पहला विरोध जेएनएसयू अध्यक्ष आइशी घोष की ओर से आया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्वविद्यालय के फंड का उपयोग आरएसएस समर्थित कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि आरएसएस की ओर से यहां गर्भ संस्कार कार्यशाला का आयोजन, केरल स्टोरी जैसी फिल्मों का आयोजन भी कराए गए हैं। आइशी घोष ने कहा कि वीएचपी, एबीवीपी इस परिसर का भगवाकरण और संप्रदायीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। ये संगठन अपने एजेंडे के तहत सार्वजनिक संस्थान का दुरुपयोग कर रहे हैं। बावजूद इसके कुलपति की चुप्पी उनके आकाओं के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि हम सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वाले भगवा ब्रिगेड के इन प्रयासों का पुरजोर विरोध करते रहेंगे। बता दें कि फिल्म द केरल स्टोरी के बाद फिल्म 72 हूरें काफी चर्चा में है। यह फिल्म नेशनल अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर संजय पूरन सिंह चौहान ने बनाई है। जानकारी के मुताबिक आतंकवाद पर आधारित यह फिल्म 7 जुलाई को रिलीज होने वाली है। इस फिल्म के रिलीज से पहले विवेकानंद विचारमंच ने जेएनयू में इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग कराई है।
गौरतलब है कि एक आतंकी कैंप पर आधारित इस फिल्म में पवन मल्होत्रा और अमीर बशीर मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। इस फिल्म में यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि किस प्रकार युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें जेहादी और आतंकी बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें 72 हूरों का लालच देकर किस प्रकार से आत्मघाती हमलावर बनाया जा रहा है। इस फिल्म का विरोध कश्मीर से शुरू हुआ है। कई राजनीतिक दल इस फिल्म के कंटेंट पर सवाल उठा चुके हैं। बताया जा रहा है कि फिल्म के प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने इसे जाधवपुर यूनिवर्सिटी समेत कई अन्य संस्थानों में दिखाने की तैयारी कर ली है। हालांकि इसके लिए फिल्म के निर्देशक संजय पूरन सिंह को धमकियां भी मिल रही हैं।