संसाधनों की भारी कमी के बावजूद किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार है अग्निशमन विभाग

60 कर्मी और 24 वाहनों के भरोसे है राजधानी की सुरक्षा

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उपेंद्र गुप्ता

रांची : भीषण गर्मी में संभावित किसी भी तरह के आगजनी की घटना से निपटने के लिए राजधानी रांची के फायर बिग्रेड विभाग 24×7 तैयार हैं. ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र में कहीं भी दमकल कर्मी मिनटों में जाने के लिए तैयार हैं, हालांकि उन्हें कई चुनौतियों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन सभी को दरकिनार कर दमकल कर्मी जानमाल को काफ़ी हद तक बचाने में जुट जाते हैं.

 

राजधानी में 5 फायर स्टेशन

रांची जिला में कुल 5 फायर स्टेशन है, जिसमें  4 फायर स्टेशन डोरंडा, धुर्वा, आन्द्रे हॉउस और पिस्का मोड़ पूरे राजधानी को कवर करते हैं, वहीं बुंडू फायर स्टेशन ग्रामीण क्षेत्र को कवर करता है. लेकिन जरूरत पड़ने पर दूसरे फायर स्टेशनों के कर्मी भी सहयोग में जुट जाते हैं. राजधानी के धुर्वा में एक प्रशिक्षण केंद्र भी है.

 

संसाधनों से जूझ रहा है अग्निशमन विभाग

राजधानी रांची में पिछले 20-22 सालों में जिस तरह बड़ी बड़ी इमारते बनी है, उसे देखते हुए अग्निशमन विभाग की जिम्मेवारी भी बढ़ी है, लेकिन विभाग में संसाधन नहीं बढ़े हैं और ना ही मैन पावर.

 

60 कर्मी और 24 वहां के भरोसे राजधानी

राजधानी के 5 दमकल स्टेशनों में कुल 66 कर्मी कार्यरत हैं, जिसमें 6 प्रशिक्षण का कार्य देखते हैं, शेष 60 कर्मी आकस्मिक ड्यूटी कि जिम्मेवारी संभालते हैं, दमकल वाहनों कि बात करें तो 5 स्टेशनों में लगभग 24 ही हैं. डोरंडा में 6 बड़े और 2 छोटे वाहन हैं, जबकि 7 सिपाही और 7 हवलदार के साथ एक अधिकारी है,  धुर्वा में 5 बड़े और 2 छोटे वाहन के साथ 1 अधिकारी, 4 सिपाही और 3 हवलदार कार्यरत हैं, आन्द्रे हाउस में 4 बड़े और 1 छोटा वाहन के साथ 1 अधिकारी, 7 सिपाही और 6 हवलदार तैनात हैं, पिस्का मोड़ फायर स्टेशन में सिर्फ दो बड़ा वाहन है और 1 अधिकारी, 8 सिपाही और 3 हवलदार हैं, वहीं बुंडू में महज 1वाहन के साथ 6 सिपाही और हवलदार जिम्मेवारी संभालते है.

 

इमारतों कि जाँच कि भी जिम्मेवारी

हाई कोर्ट के निर्देश के बाद दमकल विभाग राजधानी के सभी बड़े इमारतो में अग्निशमन सुविधा की भी समय समय पर जाँच करने की जिम्मेवारी है. पिछले दिनों धनबाद के एक होटल और हॉस्पिटल में हुए हादसे के बाद विभाग काफ़ी सतर्क हैं, लेकिन संसाधनों के कमी से विभाग को कई परेशानियों से दो चार होना पड़ता है.

 

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