राजधानी पर मंडराने लगा है बाढ़ का खतरा !

बारिश ने दिल्ली सहित हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया है

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दिल्ली। लगातार उत्तर भारत में हो रही बारिश ने दिल्ली सहित हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में रहने वाले लोगों की मुसीबत खड़ा कर दिया है। हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज से 1 लाख 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पानीपत की यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है। अभी हथिनी कुंड बैराज से और पानी छोड़े जाने की संभावना है, क्योंकि लगातार कुंड पर पानी का दबाब बढ़ता जा रहा है। अगर और पानी छोड़ा गया तो पानीपत में यमुना से सटे गांवों के लिए मुसीबत बढ़ सकती है। हालांकि अभी यमुना से सटे 7 गांव संपर्क में हैं। जिनका और पानी छोड़े जाने के बाद संपर्क टूट सकता है।

इस दौरान एनसीआर के बड़े इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दूसरी ओर स्थिति को देखते हुए विभाग की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है और कर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों से लगातार बारिश के कारण हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया। इसको देखते हुए बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए और पानी को दिल्ली की तरफ छोड़ा जा रहा है। बैराज से छोड़ा गया पानी दिल्ली तक पहुंचने में लगभग 72 घंटे का समय लगता है। जानकारों की मानें तो बारिश बंद नहीं होने पर हालात और विकट रूप अख्तियार कर सकता हैं, क्योंकि बैराज में पानी बढ़ने की स्थिति में लगातार ये यमुना नदी के जरिए दिल्ली की तरफ ही छोड़ा जाएगा, जिससे दिल्ली के एक बड़े इलाके में बाढ़ का खतरा है।

बता दें कि तेज बारिश के दौरान पहाड़ों से उतरने वाला पानी हथिनी कुंड बैराज में आकर जमा होता है और यहां से छोटी नहरों के जरिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में इसकी आपूर्ति की जाती है, लेकिन जब बैराज में पानी का आंकड़ा एक लाख क्यूसेक को पार करता है तो बैराज के सभी गेट खोल दिए जाते हैं और पानी को सीधे दिल्ली डायवर्ट किया जाता है।

वहीं निचले इलाकों में बारिश के पानी ने फसलों को तबाह कर के रख दिया है। जगह-जगह खेतों में जलभराव हो चुका है। जलभराव से धान की फसल भी लगभग डूब चुकी है। बड़ी समस्या इस समय यमुना नदी के सटे इलाकों में ज्यादा दिख रही है।

करनाल पहुंचने पर यमुना के पानी ने कई इलाकों की फसलें तबाह कर दी और उसके बाद अब पानीपत की तरफ यमुना का पानी तेजी से आ रहा है। जिससे किसानों को चिंता सताने लगी है। यमुना नदी खतरे के निशान पर बह रही है। हालांकि अन्य जिलों से पानीपत जिले में बारिश कम हुई है और स्थिति सामान्य है।

परंतु यमुना नदी के जलस्तर को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी है। यमुना नदी के सटे इलाकों में रहने वाले किसानों ने प्लेज (बेल वाली) की फसलें लगाई थी वह यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से पहले ही बह चुकी है। अब खतरा धान की फसलों पर मंडरा रहा है। अगर हथिनी कुंड बैराज से पानी और छोड़ा गया तो स्थिति यमुना से सटे इलाके में खराब हो सकती है।