रांची : कृषि उत्पाद की खरीद-बिक्री पर सरकार की ओर से दो प्रतिशत कृषि बाजार शुल्क लगाया गया है। इस शुल्क के खिलाफ बुधवार को झारखंड के थोक खाद्यान्न व्यापारियों ने व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद कर विरोध प्रदर्शन किया।
इधर, झारखंड चेंबर आॅफ कॉमर्स के नेतृत्व में बुधवार को व्यापारियों की राज्य स्तरीय बैठक हुई। व्यापारियों में इस विधेयक को लेकर असंतोष देखा जा रहा है।
बैठक में व्यापारियों ने एक सूर में थोक खाद्यान्न व्यापारियों ने निर्णय लिया है कि 15 फरवरी को खाद्यान्न की आयात और निर्यात पूरी तरह से बंद रहेगा। इस दौरान खाद्यान्न में थोक, खुदरा, राइस मिल, फ्लोर मिल सब बंद रहेगा। फेडरेशन द्वारा इस बीच एक सप्ताह तक अन्य कार्यक्रम भी किये जायेंगे।
मौके पर चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि व्यापारियों को किसी भी रूप में विधेयक मंजूर नहीं है। ये विधेयक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है। इस विधेयक को सरकार को वापस लेना ही होगा।
बिहार और यूपी जैसे राज्यों ने भी इस बिल को वापस ले लिया है। इसके लिए व्यापारी एकजुट हैं और सरकार के वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा। व्यापारियों ने एकमत होकर आंदोलन को समर्थन देने की बात कही।
व्यापारियों का कहना है कि विधेयक से राज्य में कृषि उपज के उत्पादन, इसके विपणन, संबंधित प्रसंस्करण उद्योग और व्यापार में भारी कमी आयेगी, जिससे किसानों के उपज की स्थानीय मांग घटने से उन्हें अपने उत्पाद की कम कीमत प्राप्त होगी।
सरकार को कृषि शुल्क और जीएसटी से प्राप्त होने वाले राशि (राजस्व) में कमी आयेगी। बैठक में चाईबासा, साहेबगंज, जमशेदपुर, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, हजारीबाग समेत अन्य जिलों से व्यापारी शामिल हुए।
इसके अलावा बैठक में चाईबासा चेंबर के अध्यक्ष मधुसूदन अग्रवाल, सचिव संजय चौबे, उपाध्यक्ष शिबू अग्रवाल, कोषाध्यक्ष आदित्य विक्रम शारदा, चाईबासा चेंबर के खाद्यान्न उप समिति के सभापति पवन अग्रवाल, अमित रुंगटा, अजय अग्रवाल सहित अन्य उपस्थित थे।