नियोजन नीति के मसले पर राज्य में इतनी हाय तौबा किसके लिए मचा हुआ है – सन्नी सिंकु

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संतोष वर्मा

चाईबासा : श्रीमती रश्मिता भल ओडिसा की निवासी है। इसके बाद भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग चाईबासा प्रमंडल के आई ई सी कॉर्डिनेटर के पद पर अंतिम रूप से चयनित हो जाती है। अब राज्य के हेमंत सोरेन की सरकार और कोल्हान के मंत्री, सांसद और विधायकगण बताएं कि नियोजन नीति के मसले पर राज्य में इतनी हाय तौबा किसके लिए मचा हुआ है?  यह प्रतिक्रिया झारखंड पुनरूत्थान अभियान के संयोजक सन्नी सिंकु ने दी है। और आगे सन्नी सिंकु ने कोल्हान के सभी निर्वाचित विधायक गणों,मंत्री, सासंद से इस चयन प्रक्रिया पर अपनी मंशा सार्वजनिक करने की मांग की है। ताकि हमारे कोल्हान के जनता को मालूम हो कि हमारे मंत्री, विधायकगण,सांसद विधानसभा,लोकसभा के पटल पर नीतिगत मसले पर गंभीर रहते है और कोल्हनवासियो की हित का रक्षा करने के प्रति दृढ़संकल्प है।

 

 

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आज फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को श्रीमती रश्मिता भल की नियुक्ति पर ट्वीट करने के बाद यह प्रतिक्रिया दी गई है। ट्वीट में मुख्यमंत्री आवास कार्यालय और उपायुक्त, प.सिंहभूम चाईबासा को सलग्न की गई है। चाईबासा प्रमंडल पेयजल व स्वच्छता विभाग में जब जिला के उच्चस्थ पदाधिकारियों का समिति गठन कर आई ई सी कॉर्डिनेटर के पद पर चयन प्रक्रिया पूर्ण करना था। तब भी झारखंड पुनरूत्थान अभियान के संयोजक की जिम्मेदारी से हमने 24 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस चयन प्रक्रिया की ओर ट्वीट कर ध्यान आकृष्ट किया था। साथ में मुख्यमंत्री आवास और उपायुक्त, प.सिंहभूम चाईबासा को सलग्न भी की गई थी। लेकिन इसके बाद भी अंतिम रूप से चयन प्रक्रिया में IEC कॉर्डिनेटर के पद पर ओडिसा निवासी श्रीमती रश्मिता भल को चयन किया गया है। यह चयन प्रक्रिया कौन सा रोस्टर प्रणाली के आधार पर अंतिम रूप दिया गया? जिला प्रशासन इश्तहार निकालकर या उचित माध्यम से जिला के जनता के सामने सार्वजनिक करे। झारखंड पुनरूत्थान अभियान मांग करती है।झारखंड सरकार कहती है झारखंड में या अनुसूचित जिला में उसी जिला के वासगीत के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। तो श्रीमती रश्मिता भल का वासगीत ओडिसा का होने के बाबजूद भी कैसे अंतिम रूप से चयनित हो पाई है? क्या कोल्हान के हमारे मंत्री, सांसद,विधायकगणों को इस चयन प्रक्रिया के बारे में जानकारी है? अगर जानकारी नहीं है तो क्या यह जिला के आला अधिकारियों का मनमानी नहीं है?