22 लाख रुपये की रिश्वत लेकर चार अयोग्य शिक्षकों को दी नौकरी

सीबीआई के आरोप पत्र में विस्फोटक खुलासा

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कोलकाता: अलीपुर कोर्ट के आदेश पर जेल भेजे गए चार अयोग्य शिक्षकों ने नौकरी के लिए 22 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। यह जानकारी कुंतल घोष, तापस मंडल और नीलाद्रि घोष के खिलाफ दायर आरोपपत्र में सामने आई है।

अब तक, सीबीआई को 50 से अधिक नौकरी चाहने वाले मिले हैं, जिन्होंने प्राथमिक शिक्षक का पद पाने के लिए औसतन 5 लाख रुपये से 6 लाख रुपये का भुगतान किया है। इनमें से कई तापस मंडल के डीएलएड कॉलेज के छात्र हैं। कुंतल घोष को वह पैसा तापस मंडल के माध्यम से मिला था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि कुंतल के माध्यम से पैसा पार्थ चट्टोपाध्याय और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों तक गया।

आरोप पत्र के अनुसार, 2016 से 2022 तक तापस मंडल ने 141 नौकरी चाहने वालों से कुल 4 करोड़ 12 लाख 85 हजार रुपये एकत्र किए। इसमें से आठ एजेंटों से 3 करोड़ 89 लाख 85 हजार रुपये वसूले गए। उनके डीएलएड कॉलेज के छात्र के रूप में, मुर्शिदाबाद के जहीरुद्दीन शेख और सौगत मंडल से 5.5 लाख रुपये लिए गए थे। सैगर हुसैन से 6 लाख और उसके भाई सिमर हुसैन से 5 लाख रुपये वसूले गये थे। इन चारों को मुर्शिदाबाद के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के रूप में नौकरी मिल थी।

इसके अलावा, तापस ने खुद असिक नाम के एक अन्य व्यक्ति से एक लाख रुपये लिए थे। सीबीआई ने दावा किया कि कुंतल घोष ने तीन एजेंटों के माध्यम से 71 नौकरी चाहने वालों से कुल 3 करोड़ 13 लाख रुपये एकत्र किए।