कोलकाता/डेस्क : हिंदुओं में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा 30 मई को देशभर में मनाया जाएगा। बता दें कि यह हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है, इसलिए इस बार गंगा दशहरा दो दिन मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोगों को सात्विक भोजन ही करना चाहिए। कहते हैं कि इस दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आज हम आपको बतायेंगे कि गंगा दशहरा क्यों है इतना खास है। साथ ही हम जानेंगें कि मां गंगा धरती पर कैसे आईं और इस दिन किन उपायों से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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गंगा दशहरा को मनाया जाता है। इसमें 10 पापों का नाश होता है। माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान करता है, उसके जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं व कथाओं के अनुसार, राजा भगीरथ अपने पूर्वजों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए मां गंगा को पृथ्वी पर आने के लिये मनाने का प्रयास किया जिसके लिए उन्होंने मां गंगा का आवाह्न भी किया जिसके बाद मां गंगा उनके सामने प्रकट हुईं। उसके बाद ब्रह्मा जी ने राजा भगीरथ से कहा कि आप इतनी तेज वेग गंगा को धरती पर कैसे ले जा सकते हैं। इसके बाद ब्रह्म जी इस समस्या को लेकर भगवान शिव के पास गए जिसके बाद महादेव ने उन्हें स्वीकार किया और अपनी जटाओं पर रखने की बात कहकर राजा भगीरथ पृथ्वी पर मां गंगा को लेकर आए। तब से इस दिन को गंगा दशहरा के रुप में मनाये जाने लगा।
गंगा दशहरा के दिन करें ये उपाय
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के बाद पितरों का तर्पण करना चाहिये और अपनी हैसिएत के अनुसार दान करना चाहिये। इससे जल्द ही लाभ होगा।
इस मौके पर गंगा स्नान होता है बेहद शुभ
इस दिन खास तौर पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप से धूल जाते हैं। इस दिन दान करने से व्यक्ति को शुभ परिणाम भी मिलते हैं। इस दिन वस्त्र और अन्न दान करना अच्छा होता हैं।