कोर्ट परिसर में रखे गांजे के पैकेट का ग्रेनेड किया गया डिफ्यूज

सेना ने हाई पावर ग्रेनेड को किया डिफ्यूज

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कूचबिहारः जिले में रविवार की सुबह हड़कंप मच गया। कूचबिहार के कोर्ट परिसर में रखे गांजा में पैकेट में ग्रेनेड बरामद किया गया है। बाद में इसकी जानकारी सेना को दी गई।

भारतीय सेना ने कूचबिहार के कोर्ट परिसर में हाई पावर ग्रेनेड को डिफ्यूज कर दिया। ग्रेनेड गोदाम के अंदर गांजे के एक पुराने पैकेट में था। पुलिस के संज्ञान में यह बात कुछ दिन पहले आई थी। ग्रेनेड डिफ्यूज करने के समय जोरदार धमाका हुआ, हालांकि वर्षों पुराने कोर्ट परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

बता दें कि सागरदिघी चौराहा पर सबसे ज्यादा सुरक्षा कचहरी चौक से सटा एक गोदाम है। एक पुराने पैकेट के अंदर ग्रेनेड मिला था। मामले की जानकारी पुलिस प्रशासन ने सेना विभाग को दी। लेकिन दहशत न फैले इसलिए मामले को गुप्त रखा गया था। न्यायालय परिसर में अत्यधिक सतर्कता बरती जा रही थी।

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इस घटना के बाद सवाल उठ रहा है कि कोर्ट परिसर में ग्रेनेड कैसे आया? पुलिस द्वारा जब्त किए गए गांजे के पैकेटों में हैंड ग्रेनेड को लेकर भी सवाल उठे हैं। गौरतलब है कि 3 दिन पहले कूचबिहार जिला अदालत के गोदाम के अंदर गांजे के पैकेट में ग्रेनेड बरामद किया गया था।

चूंकि पुलिस के पास हैंड ग्रेनेड को डिफ्यूज करने की तकनीक नहीं थी, इसलिए उन्होंने बिन्नागुरी की सेना से संपर्क किया गया। इस दिन सेना की ओर से हैंड ग्रेनेड को नष्ट करने के लिए एक विशेष दल आया। इसे सेना के अधिकारियों ने कोर्ट के सामने पुलिस की मौजूदगी में नष्ट कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक,  हैंड ग्रेनेड का निर्माण रक्षा मंत्रालय की गन एंड सेल फैक्ट्री में किया गया था। यह सवाल किया जा रहा है कि सरकारी शस्त्रागार में बने ग्रेनेड अवैध गांजे की बोरियों में भरकर बेचे जा रहे थे? क्या ग्रेनेड की तस्करी की जा रही थी? पुलिस जांच कर रही है।

पुलिस ने बताया कि तीन दिन पहले कोर्ट रूम में 25 से 30 साल से पड़े गांजे के विभिन्न पैकेटों में ग्रेनेड मिला था। उन्होंने तुरंत सेना को सूचित किया। बाद में सेना के 10-15 सदस्यों की एक टीम बिन्नागुरी से आई और उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए उस अदालत कक्ष में बम को निष्क्रिय कर दिया।