गौरव वल्लभ बीजेपी में हुए शामिल

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नई दिल्लीः संबित पात्रा राजनीति में रूची रखने वाले सभी लोग उनसे वाकिफ है। भारतीय जनता पार्टी के प्रखर और ओजस्वी प्रवक्ता, जिनके साथ बैठने में कई दलों के प्रवक्ताओं के पसीने छूट जाते थें। मुद्दा कोई भी हर टॉपिक पर उनकी जबरदस्त पकड़ और हाजिर जवाबी ऐसी की किसी सवाल का तपाक से जवाब दे देना। ऐसा ही एक डिबेट चल रहा था कांग्रेस के प्रवक्ता उस वक्त थे गौरव वल्लभ और उनके सामने संबित पात्रा मुद्दा था देश की आर्थिक स्थिति इसी दौरान पात्र भारत के इकोनमी को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने की बात कर रहे थे इसी दौरान गौरव वल्लभ ने उनसे पूछ लिया की एक ट्रिलियन डॉलर में कितने शून्य होते हैं। पेशे से डॉक्टर संबित पात्रा के पास इसका जवाब था नहीं बगले झांकने लगे जवाब देने के बजाय बात को घुमाने लगे। ये क्लीप सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो गया। गौरव वल्लभ इस डिबेट से जाना पहचाना चेहरा बन गए। अर्थव्यवस्था पर उनकी भी पकड़ मजबूत है। लगातार प्रखरता के साथ सभी मंचों पर वो कांग्रेस का पक्ष पूरजोर तरीके से उठाते हैं। लेकिन सवाल उठ रहा है कि उनकी चर्चा क्यों, दरअसल, गौरव वल्लभ ने कांग्रेस छोड़ दिया है। चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए ये तगड़े झटके से कम नहीं है। गौरव वल्लभ ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी छोड़ने से पहले गौरव वल्लभ ने एक्स पर ट्वीट कर कांग्रेस का हाल-ए-बयां किया। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी आज दिशाहीन हो गई है। इसीलिए वह यहां वह ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे। इसलिए वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं।


गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम लिखे अपने इस्तीफे की एक कॉपी सोशल मीडिया पर साझा की है। उन्होंने लिखा कि भावुक होने के साथ ही उनका मन भी बहुत व्यथित है। वह बहुत कुछ लिखना और कहना चाहते हैं, लेकिन उनके संस्कार इसमें आड़े आ रहे हैं. लेकिन फिर भी वह आपनी बातों के सामने रख रहे हैं। गौरव ने कहा कि उनको लगता है कि सच को छिपाना अपराध होता है और वह इस अपराध में भागी नहीं बन सकते।

 

आनन-फानन में वो बीजेपी में भी शामिल हो गए । उनको विनोद तावड़े ने पार्टी का झंडा थमाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा, “मैंने सुबह एक पत्र सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर डाला…उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथाएं लिख दीं…मेरा शुरू से यह दृष्टिकोण रहा है कि भगवान श्री राम का मंदिर बने, न्योता मिले और कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता…गठबंधन के नेताओं ने सनातन पर प्रश्न उठाए, कांग्रेस द्वारा उसका जवाब क्यों नहीं दिया गया?…मैं आज भाजपा में शामिल हुआ और मुझे उम्मीद है कि मैं अपनी योग्यता, ज्ञान का प्रयोग भारत को आगे ले जाने में करूंगा…”