कोलकाता : सत्ताइस साल का नौजवान अपने पंद्रह महीने के बेटे को गोद में लिए खेल रहा था। उसी समय वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। ऐसा सेरेब्रल स्ट्रोक हुआ कि फिर वापस होश नहीं आया। छह दिन बाद अस्पताल ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। इस दुनिया से जाने के बाद उसके परिवार ने उसके अंगों को दान करने का फैसला लिया। जी हां, यहां बात हो रही है सौमेन भद्र की।
वह एक निजी बैंक का अधिकारी था तथा और पूर्व बर्दवान का रहने वाला था। पांच दिन पहले सौमेन शाम को घर लौटकर आराम कर रहा था। रात ग्यारह बजे के करीब वह अपने बेटे के साथ खेल रहा था तो उसी दौरान असहनीय सिर दर्द शुरू हो गया। कुछ देर बाद वह होश खो बैठा और बिस्तर से गिर पड़ा। इसके बाद परिजनों ने उसे कालना अस्पताल पहुंचाया।
लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि उसे दिमागी दौरा पड़ा है। उसकी स्थिति को देखते हुए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। उसके बाद सौमेन के पिता मनींद्र और माता इति उसे अगले दिन कोलकाता अस्पताल ले आए। डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में रखा। परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने शुरू से ही कहा था कि स्थिति जटिल होती जा रही है। किसी भी घटना के लिए तैयार रहें। गुरुवार को डॉक्टरों ने फोन पर बताया कि उनका बेटा जिंदगी की जंग हार गया है।
सौमेन के ब्रेन डेथ के बाद परिवार ने अंग दान देने का फैसला लिया। मां और उसकी पत्नी अंजना ने भी परिवार के फैसले पर सहमति जतायी। अंजना ने बताया कि उसका पति तो नहीं रहा, लेकिन उसका अंगदान करके लोगों की जिंदगी बचायी जा सकती है।
उसके बाद डॉक्टरों ने शनिवार की सुबह सौमेन के शरीर से दिल, दो किडनी और लीवर निकाल लिया। अस्पताल के मुताबिक सौमेन की किडनी को एसएसकेएम अस्पताल में 27 वर्षीय युवक और अपोलो अस्पताल के 28 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में एक-एक किडनी प्रत्यारोपित किया गया।अपोलो के एक अन्य मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। सौमेन से नया दिल पाकर आरएन टैगोर अस्पताल के एक युवक को नया जीवन मिला। इसके लिए कोलकाता पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की थी।