निशा मिश्रा
कोलकाता। अब तो काफी दिन हो चुके हैं राहुल गांधी को लंदन से भारत आए पर अब तक बीजेपी उनके लंदन में दिए बयानों के कारण हमलावर हो रही है। खासतौर पर भारत में लोकतंत्र पर उठाए गए राहुल गांधी के सवालों को बीजेपी देश के विरूद्ध बता रही है।
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दरअसल राहुल गांधी ने अपने कई कार्यक्रमों में लोकतंत्र पर बात की है। लेकिन जिस बात को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा हो रहा है, उसमें राहुल ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र का पतन हो रहा है। इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है, उन्होंने भारत के लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए कहा कि इस पर चोट हो रहा है और इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। बड़े लोकतांत्रिक देशों को इसकी चिंता होनी चाहिए जो नहीं दिखाई दे रही है।
अब इस पूरे मुददे पर अमेरिका ने कहा है कि भारतीय अदालतों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले को देखा जा रहा है। इस मामले पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता के जाने को लेकर किए गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि अमेरिका भारत के साथ जुड़ा हुआ है। अमेरिका का कहना है कि इस मामले को हम भारतीय अदालतों में देख रहे हैं।
अब इस मामले पर जर्मनी की ओर से टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर ‘भारत के घरेलू मामले में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने’ का आरोप लगाया है।
दरअसल अमेरिका और जर्मनी आज पहली बार भारत के मुद्दों पर हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं बल्कि इससे पहले भी अमेरिका भारत के कई मुद्दों में टांग लड़ाने को तैयार रहता है।
इसके पहले अमेरिका कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए भारत-पाक के बीच बचौलिया बनने की कोशिश दशकों तक करता रहा, लेकिन भारत ने उसकी दाल नहीं गलने दी। शिमला समझौते में भी दोनों देशों को आपसी मतभेद आपस में बैठकर सुलझाने का ही प्रावधान है।
अब राहुल मसले पर अमेरिका और जर्मनी की दखलंदाजी के मसले पर भी भारत ने साफ किया है कि हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा करने का शऊर है, आप अपनी दुकान कहीं और लगाएं।