चाईबासा – रोमन कैथोलिक चर्च में पुण्य शुक्रवार यानि गुड फ्राइडे बड़े ही पवित्रता के साथ सम्पन्न किया गया।बाइबल के मान्यता के अनुसार कट्टर यहूदी राजाओं के निर्मम तरीके से दिए गए यातनाओं को ईसा ने मानव के पापों की क्षमा के लिए स्वीकार किया था।इसे ईसाई समुदाय के लोगों ने सपरिवार ईसा के वचनों को याद करते हुए गुड फ्राइडे के रूप में मनाया। जेवियर मैदान में गुड फ्राइडे में ईसा को सूली पर लटकाने के पूर्व कट्टर यहुदी राजाओं के द्वारा दी गई यातनाओं के घटनाक्रम की झांकियां भी प्रस्तुत किया गया। झांकियों को बलिदानी प्रार्थना से जोड़ा गया। इस झांकी में लुपुंगुटु,पाताहातु,जेवियर नगर,गुटुसाई, बड़बिल,सुपलसाई,शहरी क्षेत्र आदि इकाई के विश्वासियों ने क्रूस ढोकर ईसा के यातनाओं का संस्मरण प्रस्तुत किया।
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ईसा का आचरण मानव जाति का आदर्श है।
इसके बाद गुड फ्राइडे की मिस्सा पूजा अनुष्ठान में विकर जेनरल जमशेदपुर धर्म प्रांत अल्वीन सी.वी.ने किया। उन्होंने ने अपने संदेश में कहा कि ईसा ने अपने विरोधियों द्वारा निर्मम यातनाओं के बावजूद विचलित नहीं हुआ।ईसा ईश्वर से प्रार्थना करते रहे कि जो गलती कर रहे हैं उन्हें क्षमा करें ,क्योंकि वे नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं। फादर निकोलस ने कहा कि ईसा का आचरण मानव जाति का आदर्श है।उनका बलिदान हमें संदेश देता है कि नफरत हमें विकास की राह में चलने से रोकता है। इसलिए बदले की भावना और नफरत की आग से निकल कर प्रगति की उजाले के संपर्क में सदा रहने का प्रयास करें।ईसाई समुदाय के लोगों ने पावन पुण्य शुक्रवार पर प्रण लिया कि वे ईसा के बलिदान को हमेशा याद रखेंगे और जीवन में प्रेम,सेवा, त्याग और क्षमा जैसी अच्छी संस्कारों के क्षत्रछाया में अपना जीवन बिताएंगे और प्रगति की ओर अग्रसर होंगे।मिस्सा प्रार्थना सभा को पल्ली के धार्मिक गीत के कोयर दल ने संजीव कुमार बलमुचू रंजीत मुंडू, रोबिन बलमुचु,कमल मिंज, रोयलेन तोपनो,अमातुस तोपनो की अगुवाई में मधुर भक्ति गीत व संगीत से भक्तिमय वातावरण बनाया। प्रार्थना सभा में पल्ली पुरोहित निकोलस केरकेट्टा,फादर अगस्टिन कुल्लू फादर अनिल डांग,फादर यूजिन एक्का कर रहे थे। मौके पर सिस्टर नीलिमा केरकेट्टा, सिस्टर बलमदीना,ब्रदर अनिल कुजूर,काथलिक सभा के अध्यक्ष आशीष बिरूआ,लुसी बिरुवा,किशोर तामसोय,जुलियाना देवगम,दीपिका देवगम,कल्पना देवगम, सुषमा देवगम,प्रफुल्लित गागराई,रश्मि गागराई,मालती सिंकू,सीमा हेम्ब्रम,ज्योति पुरती,ब्रजमोहन तामसोय,जेम्स गागराई,सिरिल सुम्बरुई,जेम्स सोय,लेयोनार्ड तोपनो,पैडरिक कुजूर,फ्रांसिस देवगम,गब्रिएल सुंडी,जगरानी सुंडी,वीरेंद्र कुजूर,अंथोनी मिंज,पासिंह सावैयां,कमला उगुरसु़ंडी,अनिला सुंडी,नवनीत बागे, राकेश मिंज,फुलजेम्स डाहंगा, नवीन कुजूर,,सालुका देवगम,अनिल बारी समेत काफी संख्या में ईसाई समुदाय के बच्चे व महिला-पुरुष उपस्थित थे।