TMC प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले गिरिराज सिंह

मनरेगा फंड जारी न हुआ तो सड़कों पर उतरेंगे अभिषेक

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कोलकाता /नई दिल्ली: केंद्र सरकार और बंगाल सरकार के बीच केंद्रीय फंड को लेकर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं, लेकिन अब बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद इस मुद्दे पर सीधे केंद्रीय मंत्री के कार्यालय में पहुंच गये।

टीएमसी के सांसदों के नेतृ्त्व में बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत की और मनरेगा मजदूरों के फंड का मुद्दा उठाया। इससे पहले इन नेताओं ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से भी इस मुद्दे पर मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। उनसे बुधवार को मिलने के लिए कहा गया था। लोकसभा सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में निचले सदन के सदस्य और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, महुआ मोइत्रा और डोला सेन शामिल थे।

टीएमसी सांसद ने कहा, हम बंगाल के 17 लाख परिवारों को वंचित नहीं होने देंगे। जब तक मनरेगा फंड जारी नहीं किया जाता, तब तक हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे। आश्वासन के बिना, हम नहीं छोड़ेंगे। हम यहां चाय और नाश्ते के लिए नहीं आए हैं।

अभिषेक ने कहा कि पार्टी नेताओं ने मंत्री से बात की थी और उन्हें बुधवार को उनसे मिलने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, मुझे बताया गया कि वह आज संसद गए। हम यहां तब आए जब इसे स्थगित कर दिया गया। हम 10-12 दिनों तक इंतजार करेंगे और अगर वे फंड जारी नहीं करते हैं तो हम सड़कों पर उतरेंगे। टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद इस मुद्दे पर एक ज्ञापन सौंपा।

टीएमसी सांसदों की मुख्य मांग नरेगा के तहत बंगाल में कराए गए काम के लिए भुगतान करने के लिए राशि को लेकर थी। सांसदों ने कहा है कि नरेगा के तहत लगभग 7000 करोड़ रुपये लंबित हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद टीएमसी सांसद अभिषक ने कहा कि अगर 100 दिन की रोजगार योजना में अनियमितता के आरोप हैं तो सीबीआई जांच कराएं, कोर्ट जाएं, लेकिन राज्य का बकाया निपटाएं।

बंगाल के नाम राशि रोके जाने का कारण केंद्रीय कृषि सचिव ने विसंगति बताई है। उन्होंने कहा, केंद्र ने 100 दिनों की रोजगार योजना के पैसे रोक दिये हैं। इसके चलते बंगाल के 17 लाख परिवारों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। इसलिए बकाया 7 करोड़ रुपये आवंटित किये जाये। अभिषेक ने यह भी कहा कि पिछले डेढ़ साल से बकाया राशि के लिए प्रधानमंत्री और संबंधित मंत्रालयों को बार-बार पत्र भेजे गये हैं।