Good Friday : रांची के हरमू चर्च में बच्चों ने पेश की खूबसूरत झांकी
यीशु के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है गुड फ्राइडे
रांची : गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए इसाई धर्म के लोग इस दिन को शोक के रूप में मनाते है। इसी वजह से इस दिन चर्चों में लोग घंटी ना बजाकर लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं और क्रॉस चुमकर प्रभु यीशु का स्मरण किया जाता है। गुड फ्राइडे को ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और होली फ्राइडे जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन को लेकर ये कहावत है की यहूदी शासकों ने प्रभु यीशु को शारीरिक और यातनाएं दी थी।
गुड फ्राइडे को लेकर चर्च में की गई विशेष प्रार्थना
ऐसा कहा जाता हा की जिस दिन प्रभु यीशु के साथ ये अन्याय किया जा रहा था और उन्हे सूली पर लटका दिया गया था।वो दिन शुक्रवार का था, लेकिन इतनी तकलिफ और दर्द देने के बाद और सूली पर लटकाने के बाद भी प्रभू यीशु के मुख से उनके लिए जो शब्द निकले थे। वो थे हे ईश्वर इन्हे क्षमा करना..क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं’. हे पिता! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूं.’ मृत्यु के पहले भी यीशु के मुख से आखिर बार क्षमा और कल्याण के संदेश ही निकले थे।
हरमू चर्च में बच्चों ने पेश की खूबसूरत झांकी
वही इस दिन को लेकर रांची के हरमू चर्च में गुड फ्राइडे के अवसर पर बच्चों द्वारा खूबसूरत झांकी प्रस्तुत करते हुए। ये दिखाया गया की कैसे प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाता है और कैसे अच्छाई हमेशा बुराई पर हावी रहती है। ऐसा कहा जाता है हा की गुड फ्राइडे से पहले ईसाई धर्म के लोग पूरे 40 दिनों तक उपवास रखते हैं और कुछ लोग सिर्फ इस दिन पर ही उपवास करते है। गुड फ्राइडे के दिन को लेकर चर्चें में खूबसूरत साज-सजावट की जाती है। और लोगो यहां प्रभु यीशु की प्राथर्ना करते है। वही गुड फ्राइडे के दिन इसाई धर्म के लोग काले कपड़े पहनकर शोक व्यक्त करते है और प्रभु से अपने गुनाहो की माफी मांगते है। गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार के दिन ईस्टर मनाया जाता है।
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