नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले हिट एंड रन कानून में संसोधन लेकर आई। इस संसोधन में ये प्रस्ताव रखा गया कि अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। अब इस मामले पर पूरे देश में बवाल मच गया है। ट्रक ड्राइवर नए कानून के प्रावधानों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं। इसका असर कुछ ऐसा हुआ है कि देश के कई राज्यों में पूरी तरह से चक्का जाम की स्थिति हो गई है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, समेत 10 राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंप ड्राई होने की खबरें हैं। यहां लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। फल, सब्जी, दूध, कृषि के सामानों की सप्लाई प्रभावित हो रही है। कई जगह प्रशासन ट्रांसपोटर्स से संपर्क कर आपूर्ति बहाल करवाने में लगा है। लेकिन साफ तौर पर स्थिति बिगड़ती हुई दिख रही है।
#HitandRunLaw : Amid the fear of petroleum shortage, people are rushing towards petrol pump. It is also said that some Petrol pump are already closed due to shortage.
Petroleum tanker drivers have also joined the protest. pic.twitter.com/1gRasYO7gf
— Vikas Shukla (@Vikasshuklalive) January 2, 2024
ट्रक और बस ड्राइवर भी इसको लेकर पूरी तरह से गुस्से में लाल नजर आ रहे हैं। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन हो रहा है, नारे लगाए जा रहे हैं। तो आईए देखते हैं ट्रक ड्राइवरों का इस पूरे मामले को लेकर क्या कहना है।
आपको बताते चलें कि पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था। हालांकि, इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था। लेकिन नया कानून लागू होने के बाद दोषी को अब दस साल जेल में रहना होगा।
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, ‘अभी ट्रांसपोटर्स ने हड़ताल की घोषणा नहीं की है। इस पर फैसला मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में होगा। अभी ड्राइवर खुद ही गाड़ियां छोड़कर उतर रहे हैं। दूसरों को भी चलाने नहीं दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। प्रदेश में छह लाख ट्रक हैं। डेढ़ लाख ट्रक दो दिन से खड़े हैं। औपचारिक ऐलान से स्थिति बिगड़ सकती है। ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा, देश में 95 लाख ट्रक हैं। 30 लाख से ज्यादा का परिचालन नहीं हो रहा है।
AIMTC का कहना है कि देश में एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। इसके कारण मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है। दुर्घटनास्थल से भागने की किसी ड्राइवर की मंशा नहीं होती है, लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है।
क्या होगा आम आदमी पर असर
अब सवाल उठ रहा है कि हड़ताल का आम आदमी पर क्या असर होगा। तो इसका जवाब है सीधा असर देखने को मिलेगा। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की सप्लाई नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुक जाएगी, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत होगी।