BENGAL में बकाया डीए की मांग : हड़ताल पर सरकारी कर्मचारी, कामकाज ठप

कई प्रदर्शनकारी अस्वस्थ

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कोलकाता : अदालत के बार-बार आदेश के बावजूद महंगाई भत्ता (डीए) नहीं दिए जाने के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों की सोमवार को 24 घंटे के लिए हड़ताल शुरू की।

संग्रामी संयुक्त मंच के बैनर तले लगभग सभी विभागों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए, जिसकी वजह से सप्ताह के प्रथम दिन सोमवार को राज्य के सरकारी दफ्तरों में कामकाज लगभग ठप रहा।

डीए की मांग पर 24 घंटे की इस हड़ताल का समर्थन सरकारी कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन राज्य समन्वय समिति ने भी किया है। हड़ताल पर बैठे एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि डीए नहीं मिलने तक आंदोलन और बड़ा होगा।

इधर, कर्मचारियों की हड़ताल से राज्य सचिवालय के अलावा अन्य सरकारी दफ्तरों में कामकाज लगभग शून्य था।

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ज्ञात रहे कि राजधानी कोलकाता के धर्मतल्ला के पास शहीद मीनार में मंच बनाकर सरकारी कर्मचारियों ने अनशन शुरू किया है। इस बीच कई प्रदर्शनकारी अस्वस्थ भी हो गये हैं।

प्रदेश के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी को पत्र लिखकर कार्य विराम की सूचना दे दी गई है। संगठन ने मांग की है कि साल 2009 से अब तक महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही राज्य में खाली सरकारी पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति और कर्मचारियों पर कार्य का बोझ कम करने की मांग की गई है।

संगठन ने ऐलान किया कि अगर सरकार ने डीए की मांग पूरी नहीं की तो अगली 17 फरवरी को बंगाल विधानसभा का अभियान किया जायेगा। वहीं, मार्च में व्यापक आंदोलन की भी चेतावनी दी है। राज्य सरकार के कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें सिर्फ बकाया डीए ही नहीं बल्कि केंद्र की तर्ज पर डीए दिया जाये।

दूसरी ओर, डीए की मांग पर हड़ताल कर रहे सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने समर्थन किया है। बीजेपी के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को ममता सरकार में सबसे अधिक उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अदालत ने जब आदेश दिया है तो निश्चित तौर पर सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए।