समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मंत्रियों के एक ग्रुप (GOM) का गठन किया गया है। जानकारी के अनुसार इस अनौपचारिक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में कई वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। इसमें किरेन रिजीजू, स्मृति ईरानी, जी किशन रेड्डी और अर्जुन राम मेघवाल को शामिल किया गया है।
बताया जा रहा है कि अनौपचारिक जीओएम की कमान किरेन रिजीजू को दी गई है। समान नागरिक संहिता से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर ये मंत्री विचार-विमर्श करेंगे। बुधवार को भी किरेन रिजिजू की अध्यक्षता में इन मंत्रियों की बैठक हुई। जानकारी के मुताबिक अलग-अलग मंत्री अलग-अलग मुद्दों पर विचार करेंगे। जैसे आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर किरेन रिजिजू, महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर स्मृति ईरानी, पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े मुद्दों पर जी किशन रेड्डी और कानूनी पहलुओं पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विचार करेंगे।
इन मंत्रियों की पूर्वोत्तर के कुछ मुख्यमंत्रियों से भी इस बारे में चर्चा हुई है। समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ने की दिशा में यह केंद्र सरकार की ओर से पहला गंभीर कदम है। पीएम मोदी ने भोपाल में बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं से अपने संवाद में समान नागरिक संहिता की वकालत की थी। उसके बाद अब केंद्र सरकार ने इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया है। इनमें से कुछ मंत्रियों की इस बारे में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात हुई थी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने यूसीसी का विरोध करते हुए आरोप लगया है कि बीजेपी सरकार इसे देश के ऊपर थोप रही है।
इतना ही नहीं पूर्वोत्तर के राज्यों में एनडीए के कुछ सहयोगी दलों ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि ये जनजातियों के लिए ठीक नहीं होगा। इससे लोगों की स्वतंत्रता और अधिकारों पर अंकुश लगेगा। इसके अलावा हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी लोगों से यूसीसी के के खिलाफ विरोध दर्ज करने की अपील की थी।