कोलकाता, सूत्रकार : राज्यपाल सीवी आनंद बोस की ‘निष्क्रियता‘ के कारण राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति रुक गई है।
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने यह आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि राज्य सरकार की ‘सद्भावना‘ के बावजूद मुख्य रूप से राजभवन की ‘निष्क्रियता‘ के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि राज्यपाल क्या कहते हैं। सुबह कुछ और कहते हैं और उन बातों को रात में भूल जाते हैं। ब्रात्य ने यह भी दावा किया कि बोस ‘अल्जाइमर‘ के मरीज हैं।
शिक्षा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की मुख्यमंत्री और राज्यपाल को साथ-साथ बैठ कर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति पर गतिरोध को हल करने के लिए चर्चा करने की सलाह दी थी। पहले तो राज्यपाल ने यह रुख अपनाया कि सुप्रीम कोर्ट का कोई लिखित आदेश नहीं है। राज्यपाल के वकील को सुप्रीम कोर्ट के सवाल का सामना करना पड़ा। इसके बाद सरकार और राज्यभवन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही।
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य ने इसके लिए बोस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हम सद्भावना दिखा रहे हैं। लेकिन अगर दूसरा पक्ष सद्भावना नहीं दिखाता तो हम क्या कर सकते हैं?
इधर तृणमूल कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन ‘वेबकूपा‘ ने एक नई समिति का गठन किया है। ब्रात्य इसके अध्यक्ष हैं। शनिवार को समिति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
ब्रात्य ने यहीं पर बोस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि कुलपति की नियुक्ति की जायेगी। चर्चा की जाएगी। वह सुबह जो कहते हैं, दोपहर को जो कहते हैं, रात को भूल जाते हैं। ऐसे किसी व्यक्ति के साथ काम करना कठिन है जो इस तरह की पुरानी अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित है।