रांची महिला कॉलेज में अनियमितता को लेकर राज्यपाल ने दिए जांच के आदेश

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के भी निर्देश

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रांची : रांची महिला कॉलेज में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने रांची महिला कॉलेज की स्वायत्तता का विश्लेषण कर जांच का आदेश दिया है।

उन्होंने जांचकर यह पता करने को कहा है कि किस प्वाइंट पर इस कॉलेज को स्वायत्तता प्रदान की गई।

उन्होंने रांची महिला कॉलेज के साथ-साथ अन्य स्वायत्त कॉलेजों की भी जांच का आदेश दिया है। राज्यपाल के विशेष कार्य पदाधिकारी ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेजकर राज्यपाल के आदेश से अवगत कराते हुए इसे तत्काल लागू करने को कहा है।

राज्यपाल ने रांची महिला कॉलेज द्वारा की गई सभी नियुक्ति की भी जांच करने के लिए कहा है। इसकी जांच रांची विश्वविद्यालय की वही कमेटी करेगी, जिसने कॉलेज की जांच के बाद वहां बड़े पैमाने पर अनियमितता की पुष्टि की है। राज्यपाल ने रांची महिला कॉलेज सहित उन सभी कॉलेजों में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में सीनियर प्रोफेसर को शासी निकाय में अनिवार्य रूप से रखने के निर्देश दिए हैं, जो शासी निकाय द्वारा संचालित होती है।

राज्यपाल ने रांची महिला कॉलेज के साइंस एवं आर्ट्स ब्लाक में छात्राओं की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का भी आदेश रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को दिया है। उन्होंने वहां पर्याप्त संख्या में महिला होमगार्ड की तैनाती करने के लिए भी कहा है। राज्यपाल ने खासकर दोनों ब्लाक के गेट पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने को कहा है।

राज्यपाल ने कॉलेजों में नामांकन, परीक्षा, लेखा तथा अन्य वित्तीय कार्यों में सिर्फ नियमित कर्मचारी को लगाने को कहा है। जरूरत पड़ने पर अनुबंध कर्मी सिर्फ नियमित कर्मी का सहयोग करेंगे। राज्यपाल ने संबंधित विभागों द्वारा इसकी नियमित निगरानी भी करने को कहा है।

राज्यपाल ने रांची महिला कॉलेज की प्राचार्य डा. शमशुन नेहार को निलंबित कर उनका मुख्यालय डोरंडा कॉलेज करने को कहा है। साथ ही नामांकन, परीक्षा आदि कार्यों में लगाए गए अनुबंध कर्मी अली आजाद को बर्खास्त करने, बीबीए की अनुबंध शिक्षिका विजेता सिंह को हटाने तथा गजाला मतिन से गेस्ट फैकल्टी के रूप में काम नहीं लेने के निर्देश दिए हैं।

अनियमितता में ये सभी दोषी पाए गए हैं। राज्यपाल के विशेष पदाधिकारी ने इसे लेकर भी सोमवार को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेज दिया। उन्होंने शमशुन नेहार की जगह किसी दूसरे को प्राचार्य भी बनाने को कहा है।

 

 

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