चुनाव आयोग को राज्यपाल का निर्देश : राजभवन में जमा पड़ीं सभी शिकायतें न्यायालय को बतानी होगी

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कोलकाता, 13 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी.वी. आनंद बोस ने गुरुवार को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को राजभवन के ”पीस रूम” में प्राप्त सात हजार 500 शिकायतों पर कलकत्ता उच्च न्यायालय को अद्यतन करने के सख्त निर्देश दिए।

राज्य में पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा की घटनाओं के बारे में सीधे तौर पर शिकायत दर्ज कराने के लिए राजभवन में पीस रूम खोला गया था।

सूत्रों ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार ”पीस रूम” में प्राप्त हिंसा और झड़प की प्रत्येक शिकायत को राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय को भेज दिया गया था और अब राजभवन के अधिकारी चाहते हैं कि इन शिकायतों को कलकत्ता उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की खंडपीठ में पंचायत चुनाव हिंसा पर एक महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है।

बुधवार को, न्यायमूर्ति शिवगणनम ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में निर्वाचित घोषित उम्मीदवारों का भाग्य काफी हद तक याचिकाओं के फैसलों पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने चुनाव के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने में आयोग की विफलता को लेकर नाराजगी भी जाहिर की। राज्य में हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में हिंसा हुई जिनमें कम से कम 47 लोगों के मारे जाने के दावे किए जा रहे हैं।

राजभवन के सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल की राय यह है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय को लगा कि हिंसा पर आयोग की रिपोर्ट अधूरी है, इसका एक बड़ा कारण यह था कि ”पीस रूम” में प्राप्त सात हजार 500 शिकायतों को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया था।

एक सूत्र ने कहा, “इसलिए, गवर्नर अब चाहते हैं कि उन शिकायतों को 17 जुलाई को होने वाली सुनवाई के दौरान संलग्न किया जाए।”

बुधवार को, कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यह भी कहा कि वह केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की प्रभावी तैनाती और चुनाव आयोग की ओर से असहयोग की शिकायतों पर भी न्यायालय गौर करेगा।

न्यायमूर्ति शिवगणनम ने बुधवार को कहा कि अगर राज्य सरकार राज्य के लोगों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती है, तो अदालत इस मामले को गंभीरता से लेगी। आयोग को इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करना चाहिए। अदालत हर चीज की निगरानी कर रही है।