झारखंड में आधा दर्जन विधायकों की सदस्यता पर लटक रही है तलवार

दर्जन भर विधायक गवां चुके हैं विधायकी

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रांचीः अलग राज्य बनने के बाद से झारखंड की राजनीति हमेशा से ही चर्चा में रही है। फिर चाहे वो राज्य के सियासी भुचाल की वजह से हो या फिर यहां के विधायकों की वजह से। न्यायपालिका द्वारा भी समय-समय पर ऐसे विधायकों पर गाज भी गिरती रही है।

इन विधायकों ने खुद की करतूत के कारण अपनी विधायकी से हाथ भी धो बैठे। आईए सबसे पहले बात करते है लोहरदगा विधायक कमल किशोर भगत की।

इन्होने मशहूर चिकित्सक डा. केके सिन्हा पर हमला करने, मारपीट करने और रंगदारी मांगने के मामले में अपनी विधायकी गवां दी।इसके बाद बारी आती है एनोस एक्का की, ये भी आय से अधिक संपत्ति मामले और साल 2014 में पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

जिसके कारण इनकी विधायकी गई। सिल्ली के विधायक अमित महतो का नाम भी विधायकी जाने वाले लिस्ट में शामिल है। इन्होने अपनी विधायकी मारपीट में शामिल होने की वजह से गवाई।

मांडर विधायक बंधु तिर्की भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए थे जिस कारण उनकी विधायकी भी चल गई। ये वो विधायक थे जिनसे इनकी करतूतों की वजह से विधायकी छीन ली गई।

जिन विधायकों पर तलवार लटक रही है
सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप की गिरफ्तारी कोलकाता में भारी कैश के साथ हुई थी।

जिसके बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम की ओर से उन तीनों की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर स्पीकर से आग्रह किया गया।

इस मामले सुनवाई चल रही है। वहीं कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप यादव की सदस्यता पर अब भी संकट के बादल मंडरा रहे है। बीजेपी विधायक समरीलाल की सदस्यता जाति प्रमाण पत्र के कारण संकट में पड़ी हुई है। समरीलाल वर्ष 2019 के चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कांके विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर आये हैं,

लेकिन वे मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। इसे लेकर उनकी सदस्यता को चुनौती दी गयी है। वही विधायक ममता देवी ‘गोला गोलीकांड’ केस में दोषी करार दी गई है, और उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है, ऐसे में अब उनकी विधायकी पर भी संकट मंडराता नजर आ रहा।

जनता जनार्दन जनप्रतिनिधियों को इस लिए चुनकर वोट देती है। ताकि अपने राज्य और क्षेत्र का विकास हो सके। ऐसे में अब जनता को सही और साफ विधायक चुनने की जरूरत है।

 

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