कोलकाता: राज्य में एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार के एक मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने सीबीआई से सवाल किया कि अभी तक मुख्य लाभार्थियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? जांच पूरी करने में कितने दिन लगेंगे?
यहां बता दें कि सीबीआई ने राज्य के एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में अब्दुल खालेक नाम के एक सेवानिवृत्त शिक्षक को गिरफ्तार किया था। खालेक ने जमानत की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक केस दायर किया था। गुरुवार को जस्टिस तीर्थंकर घोष की कोर्ट रूम में इस मामले की सुनवाई चल रही थी।
सुनवाई के दौरान अब्दुल के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल का नाम प्राथमिकी या मूल आरोप पत्र में नहीं था। लेकिन उन्हें 76 दिनों से गिरफ्तार किया गया है। उनके वकील ने यह भी दावा किया कि एक सेवानिवृत्त शिक्षक खालेक का मूल घटना से कोई लेना-देना नहीं था।
इसके बाद जस्टिस घोष ने सीबीआई के अभियोजक से पूछा कि इतने लंबे समय तक जांच चलने के बाद भी मुख्य लाभार्थियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इस जांच को पूरा करने में और कितने दिन लगेंगे? न्यायमूर्ति घोष ने जांच पर भी सवाल उठाया।
गौरतलब है कि सीबीआई की ओर से दायर मूल चार्जशीट में खालेक का नाम नहीं है। न्यायमूर्ति घोष ने यह भी सवाल किया कि सीबीआई इस स्थिति में अभियोजक को हिरासत में लेने के लिए आवेदन कैसे कर रही है।
उधर सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि आरोपी अब्दुल खालेक के हस्ताक्षर लिए गए थे।
उसकी जांच की गयी तो पता चला कि नियुक्ति पत्र पर जो हस्ताक्षर मिले हैं वे अब्दुल से मिल रहे हैं। गौरतलब है कि गत फरवरी में शिक्षक भर्ती मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में चंदन मंडल, शाहिद इमाम, अब्दुल खालेक समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इलाके में उसे तृणमूल नेता के तौर पर जाना जाता है। वह स्कूल में लिपिक के पद पर कार्यरत था।
मालदह के इंग्लिश बाजार के सन्नीपार्क इलाके में उसका बहुत बड़ा घर है। अब्दुल खालेक ने पहले ही उच्च न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन कर चुका है। कोर्ट ने शांतिप्रसाद सिन्हा और अब्दुल खालेक को 17 मई तक जेल हिरासत में भेज दिया है।