कोरोना को लेकर अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर
मरीजों को लौटाने पर होगी कड़ी कार्रवाईः स्वास्थ्य सचिव
कोलकाताः पश्चिम बंगाल सरकार ने दुनिया के दूसरे हिस्सों में तेज होते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अग्रिम सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर है।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज में कोई लापरवाही न हो, नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक जिले में दो अस्पतालों को कोरोना डेडिकेटेड किया गया है जिसमें मरीजों के लिए बेड और चिकित्सकीय व्यवस्थाएं की गई हैं।
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निगम ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से एक निर्देशिका जारी की गई है, जिसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि कोरोना के लक्षण वाले किसी भी मरीज को जिले के किसी भी अस्पताल से रेफर नहीं किया जाएगा।
ऐसे में किसी भी मरीज को रेफर किए बगैर फौरन चिकित्सा शुरू किया जाए ताकि तुरंत संक्रमण कम होना शुरू हो जाए। इसके अलावा उनके परिजनों पर भी निगरानी रखा जाए और उनके बारे में स्वास्थ्य विभाग को पूरी जानकारी दी जाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर उनकी निगरानी में एक कोरोना निगरानी समिति बनी है, जो राज्य भर में संक्रमण पर नजर रख रही है। वैसे तो राज्य में अभी तक संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उसके बाद भी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि 2 बार से लोगों का आरोप है कि कोरोना मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पाया था। उन शिकायतों को देखते हुए यह तैयारियां की गयी हैं। इसको देखते हुए बीते सप्ताह में राज्य के सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रील भी किया गया था कि अगर कोरोना बढ़ता है तो किस तरह से उससे निपटा जा सकता है।