बाबूलाल के दलबदल मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुर​क्षित 

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रांची : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दलबदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में फैसला सुरक्षित रखे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को सभी पक्षों की सुनवाई पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई।

कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। मामले में प्रार्थी बाबूलाल मरांडी की ओर से शिकायतकर्ता कांग्रेसी विधायक दीपिका पांडे सिंह की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब दिया गया। मामले में शिकायतकर्ता दीपिका पांडेय सिंह की ओर से भी बहस की गई थी,

पूर्व की सुनवाई में झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट व अन्य हाईकोर्ट के जजमेंट को प्रस्तुत किया गया था। कहा गया कि स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश बाबूलाल मरांडी के मामले में न हो जाए तब तक झारखंड हाईकोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है। यह याचिका मेटेनेबल नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए।

संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक की डिसक्वालीफाई करने के निर्णय लेने में सक्षम है। हाई कोर्ट इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है, यह भी कहा गया था कि किसी राजनीतिक दल का विलय करना या न करना यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है।

झारखंड विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की यह सुनवाई हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश शंकर की कोर्ट में हुई।
वहीं प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि बिना गवाही कराये ही स्पीकर के न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रखा है।

स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के मामले में अलग-अलग तरीके से सुनवाई हो रही है, जो अनुचित है। प्रार्थी की ओर वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह और अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने पैरवी की। वहीं दीपिका पांडे सिंह की ओर से अधिवक्ता सुमित गरोदिया ने पैरवी की।

 

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