सम्मेद शिखर की पवित्रता अक्षुण्ण रखेगी हेमंत सरकार : झामुमो
कहा, भाजपा के प्रपंच में न फंसे जैन समाज
रांची : झामुमो ने जैन समाज को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखर की पवित्रता अक्षुण्ण बनाये रखने को संवेदनशील है।
पार्टी कार्यालय में पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सम्मेद शिखर मसले पर राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की किरकिरी हो रही है। कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित किया है जो झूठ है।
आज सावित्रीबाई फुले की जयंती है। इस राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर ले जानेवाले जयपाल सिंह की भी जयंती है। दो महान मनीषियों के नाम पर यहां की माटी की पार्टी ने इन दोनों के नाम पर सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना शुरू की,
साढ़े पांच लाख स्कूल में पढ़नेवाली बेटियों को जोड़ा गया। पारदेशीय स्कॉलरशिप के तौर पर यहां के बच्चों को विदेशों में भेजा गया। सरकारी संकल्प के साथ रघुवर दास सरकार में पर्यटन विभाग ने (ज्ञापांक-1391, 22-10-2018) कहा कि सदियों से जैन धर्मावलंबियों का पवित्र तीर्थस्थल है।
इसके बाद विभाग से एक गजट प्रकाशित करते हुए गिरिडीह के पारसनाथ को पर्यटन स्थल के तौर पर चिन्हित किया गया। इसी गजट के आधार पर भारत सरकार का गजट, 2 अगस्त 2019 को केंद्र से जारी हुआ। ऐसे में राष्ट्रीय मीडिया से भी सवाल है कि वे बिना सिर पैर की खबर ना चलायें, जैन समाज से भी आग्रह है कि वे भाजपा के प्रपंच में न फंसें, भाजपा को झूठ फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गुजरात (भावनगर) में एक जैन मंदिर है। उसमें 12 दिसंबर को तोड़फोड़ हुई। गृह मंत्री और पीएम उसी राज्य से आते हैं, वे इस पर क्यों नहीं कुछ कह रहे। दिल्ली, मुंबई, रांची में रैलियां निकल रही हैं। झारखंड को निशाने पर रखा जा रहा है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह 2019 में पारसनाथ पर जारी संकल्प को सबों के सामने स्पष्ट करे, झूठ ना फैलाये।
वास्तव में भाजपा जैन समाज की विशुद्ध रूप से दुश्मन है। पारसनाथ की पवित्रता को खत्म करने की साजिश भाजपा की है जो एक्सपोज हो गयी है। 20 दिसंबर 2022 को जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से भेंट की थी। इसके बाद अगले ही दिन पर्यटन सचिव ने जैन समाज की भावनाओं को देखते गिरिडीह डीसी को लेटर लिखते वहाँ की पविता बनाये रखने को कहा था। पिछले तीन वर्षों में कोई भी छेड़छाड़ नहीं की गयी है।
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