रांची: झारखंड जगुआर के पुलिस कर्मियों के लिए बड़ी खबर है। झारखंड उच्च न्यायालय ने झारखंड जगुआर पुलिसकर्मियों को बंद कर दी गयी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) भत्ता को देने के एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस संबंध में राज्य सरकार बनाम दुबराज हेम्ब्रम व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की याचिका खारिज कर दी। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और प्रतिवादी की ओर से दिवाकर उपाध्याय और रोहन मजूमदार उपस्थित हुए।
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वर्ष 2008 में कहा गया था मूल वेतन का 50% अधिक मिलेगा
बता दे कि, वर्ष 2008 में झारखंड जगुआर के गठन के समय कहा गया था कि झारखंड जगुआर को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) भत्ते के रूप में उनके मूल वेतन का 50% अधिक मिलेगा। लेकिन साल 2019 के दौरान सातवें वेतन आयोग के आने पर राज्य सरकार ने उनका एसटीएफ भत्ता बंद कर दिया था। राज्य सरकार ने कहा कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने से उनके वेतन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसलिए सरकार ने उनका एसटीएफ भत्ता रोक दिया था। जिसके खिलाफ दुबराज हेम्ब्रम व अन्य ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। आपको बता दें कि हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की एकल पीठ ने प्रार्थी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए झारखंड जगुआर के पुलिसकर्मियों को एसटीएफ भत्ता देने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर की थी। जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि हाईकोर्ट के इस आदेश से झारखंड जगुआर के करीब 10 हजार पुलिसकर्मियों को एसटीएफ भत्ता मिलेगा।