ED अधिकारियों पर हमले के सिलसिले में पुलिस की भूमिका पर हाई कोर्ट नाराज

अब तक केवल चार ही क्यों गिरफ्तार?

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कोलकाता, सूत्रकार : उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के जज ने पुलिस की कार्रवाई पर हैरानी जताई है। सोमवार को पुलिस को इस सवाल का सामना करना पड़ा कि जिस घटना में करीब तीन हजार लोगों को आरोपी बनाया गया है, उसमें केवल चार लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है। हाईकोर्ट के जज जय सेनगुप्ता ने पूछा कि क्या शेख शाहजहां सरेंडर कर रहे हैं या नहीं।

उन्होंने पुलिस को आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। साथ ही निर्देश के बावजूद केस डायरी नहीं लेने पर पुलिस को जमकर फटकार लगाया। सुनवाई के दौरान ईडी ने अनुरोध किया कि पूरी घटना की जांच सीबीआई को दी जाए। ईडी को पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।

पुलिस को केस डायरी नहीं लाने पर हाईकोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ी। पिछली सुनवाइयों में केस डायरी तलब की गई थी। जज ने कहा कि पुलिस ने इतने दिनों तक क्या किया है, ये केस डायरी देखकर समझा जा सकता है।

पुलिस को मंगलवार को केस डायरी लानी होगी। ईडी का आरोप है कि घटना के वक्त शाहजहां शेख घर पर ही था। जज ने पुलिस से जानना चाहा कि घटना के बाद पुलिस शाजहां के घर में घुसी थी? शाहजहां आत्मसमर्पण क्यों नहीं कर रहा? इसके बाद उन्होंने शाहजहां के वकील से पूछा कि आपका मुवक्किल सरेंडर क्यों नहीं कर रहा? न्यायाधीश ने यह भी टिप्पणी की कि एजी द्वारा चुप रहने के लिए कहने के बाद भी शाहजहां के वकील ने उन्हें गुमराह करने की कोशिश की।

कोर्ट के सवाल सुनने के बाद राज्य के एजी किशोर दत्त ने कहा कि 3000 नहीं, 800 से 1000 लोग थे। उसके बाद न्यायाधीश ने एजी से कहा कि यदि आप निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं, तो आरोपी को गिरफ्तार करें।

तीन हजार आरोपी हैं और केवल चार लोग ही अभी तक गिरफ्तार हुए हैं? धारा 307 क्यों नहीं जोड़ते? नैजाट पुलिस अभी भी जांच के दायरे में क्यों है? अब तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इसके बाद एजी ने कहा कि घायल ईडी अधिकारियों ने कहा था कि उन्हें धक्का दिया गया था, इसलिए धारा 307 नहीं जोड़ी गयी है।

CBI जांच के लिए आवेदन

ईडी के वकील एसवी राजू ने कहा कि राशन भ्रष्टाचार के वित्तीय घोटाले की जांच करते समय इस मामले में गिरफ्तार राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के सूत्रों से शंकर अड्डी और शेख शाहजहां के नाम मिले थे। शाहजहां के घर पर छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों पर हमला किया गया था।

शाहजहां के वकील को भी कोर्ट की खरी खोटी

शाहजहां के वकील मारफत शाहजहां ने सोमवार को इस मामले में न्यायमूर्ति जॉय सेनगुप्ता का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल भी इस मामले में शामिल होना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि इस मामले में उनकी बात सुनी जाए। हालांकि कोर्ट ने इस अर्जी पर शाहजहां के वकील को फटकार लगाते हुए जमकर खरी खोटी सुना दी।

इसके बाद जस्टिस ने फटकार के लहजे में कहा कि इतने दिनों से आप स्टेट एजी को परेशान कर रहे हैं। ये सही नहीं है। गुमराह करने की कोशिश मत करो। इस पर शाहजहां के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल के अधिकारों का हनन हुआ है। ईडी का अभियान उचित नहीं था। इस पर जज ने कहा कि फिर भी आपको ईडी के साथ सहयोग करना चाहिए था।

इस पर ईडी के वकील एसवी राजू और धीरज त्रिवेदी ने कहा कि अगर आप मामले में शामिल होना चाहते हैं तो आप पावर ऑफ अटॉर्नी जमा करें। गौरतलब है कि पांच जनवरी को संदेशखाली के तृणमूल नेता शाहजहां के घर की तलाशी के दौरान ईडी अधिकारियों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था।