High Court ने चाईबासा मनरेगा घोटाला मामले में ईडी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश

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रांची : झारखंड हाई कोर्ट को चाईबासा में मनरेगा घोटाले मामले में दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ईडी ने बताया कि मामले में ईडी ने एक ईसीआईआर केस दर्ज किया गया है, जिसका अनुसंधान जारी है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को चार सप्ताह में ईडी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। चाईबासा में मनरेगा घोटाला कि सीबीआई जांच को लेकर मतलूब आलम की जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पैरवी की। वही याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की।

इससे पहले महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज 14 केस में से 13 केस में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। ईडी की ओर से जो दस्तावेज मांगे गए थे उसे राज्य सरकार ने उपलब्ध करा दिया है। जनहित याचिका में याचिकाकर्ता का जो आग्रह था, वह पूरा हो चुका है। इसलिए याचिका निष्पादित की जाए। कोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 12 दिसंबर निर्धारित की है। याचिकाकर्ता ने मनरेगा घोटाला में चाईबासा के तत्काल डीसी के श्रीनिवासन की भूमिका पर सवाल उठाया है, जिस पर कोर्ट ने कहा कि ईडी इस मामले की जांच कर रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि यदि ईडी चाईबासा में मनरेगा घोटाले मामले के अनुसंधान से संबंधित दस्तावेज की प्रतिलिपि की मांग करती है तो उसे उपलब्ध कराए। उस समय ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि मामले में कई केस में एंटी करप्शन ब्यूरो( एसीबी ) ने आरोप पत्र दिए दाखिल कर दिया है लेकिन आरोप पत्र की प्रतिलिपि मांगे जाने पर राज्य सरकार द्वारा ईडी को मुहैया नहीं कराया जा रहा है, जिस पर कोर्ट ने सरकार को ईडी द्वारा मांगे जाने वाले दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता की ओर से की ओर से कोर्ट को बताया गया था वित्तीय वर्ष 2008-9, 2009-10, 2010-11 में चाईबासा में करीब 28 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला हुआ है। इसे लेकर चाईबासा में पुलिस ने 14 एफआईआर दर्ज की थी। बाद में एसीबी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। चाईबासा में तीन वित्तीय वर्षों में मनरेगा कार्यों में अग्रिम राशि का भुगतान तो कर दिया गया था लेकिन कोई काम धरातल पर नहीं हुआ था। उस समय चाईबासा के डीसी के श्रीनिवासन थे।

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