हाई कोर्ट ने दुमका सिविल कोर्ट के फैसले को पलटा, सामूहिक दुष्कर्म के तीन दोषियों हुई थी सजा

62

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने दुमका सिविल कोर्ट के एक फैसले को पलट दिया है। हाई कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा को पलटते हुए दोबारा ट्रायल करने का आदेश दिया है। दरअसल, दुमका सिविल कोर्ट ने गैंगरेप के तीन आरोपितों को वर्ष 2020 में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। साथ ही 25-25 हजार का जुर्माना लगाया था। सिविल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखने के लिए हाई कोर्ट में डेथ रेफरेंस याचिका दाखिल की गयी थी। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की डेथ रेफरेंस याचिका खारिज कर दी। साथ ही तीनों के खिलाफ दोबारा ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया है।

ये भी पढ़ें : कोडरमा में महिला और बच्चों समेत 40 लोग फूड पॉयजनिंग के शिकार

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिस कोर्ट ने तीनों आरोपितों को दोषी करार दिया था, उस कोर्ट में ट्रायल न किया जाये, बल्कि दूसरे कोर्ट में इस मामले का ट्रायल किया जाये। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक पंकज कुमार ने पक्ष रखा। हाई कोर्ट ने इस मामले के लिए अधिवक्ता कुमार वैभव को अमेकस क्यूरी (न्याय मित्र) के रूप में नियुक्त किया था। अधिवक्ता कुमार वैभव ने आरोपितों की ओर से केस लड़ने के लिए कोई फीस नहीं ली। मामले की सुनवाई जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ में हुई।